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न्यूज़18 क्रिएटिव. स्वामी रामदेव के बयान के बाद आयुर्वेद बनाम ज्योतिष बहस छिड़ी.
रामदेव के बयान पर उत्तराखंड के ज्योतिषाचार्यों ने तुरंत नाराज़गी ज़ाहिर की. कहा कि आयुर्वेद और योग के साथ ही, ज्योतिष भी हज़ारों साल पुरानी विद्या है. रामदेव को वेद और पुराण पढ़कर पूरी जानकारी के बाद बयानबाज़ी करना चाहिए.
हरिद्वार. एलोपैथी को आड़े हाथों लेने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने ज्योतिष विद्या और ज्योतिषाचार्यों के रवैये की कड़ी आलोचना की. ज्योतिषियों पर लोगों को बहकाने का रामदेव ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी बड़ी घटना के बारे में ये विद्वान कोई भविष्यवाणी या अनुमान नहीं दे सके. दूसरी तरफ, रामदेव की इस आलोचना को ज्योतिष के जानकारों ने अनर्गल बयानबाज़ी बताते हुए पलटवार किया कि ‘योग और आयुर्वेद के नाम पर रामदेव ने खुद अरबों की इंडस्ट्री खड़ी की है. उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.’ एलोपैथी बनाम आयुर्वेद के बाद अब ज्योतिष को लेकर बहस भी चल पड़ी है.
एक योग शिविर में साधकों से बोलते हुए रामदेव ने ज्योतिषाचार्यों पर निशाना साधते हुए कहा कि काल, घड़ी और मुहूर्त के नाम पर ये लोगों को बहकाते हैं क्योंकि सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं, इन्हें कोई अनुमान नहीं है. खबरों के मुताबिक रामदेव ने साफ कहा, ‘न तो ये लोग कोरोना महामारी के बारे में कोई भविष्यवाणी दे सके न ही ब्लैक फंगस को लेकर और न ही तब कोई पूर्वानुमान दे पाए थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की थी.’ रामदेव ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ये बस बैठे बैठे किस्मत बताते रहते हैं.
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रामदेव के बयान पर ज्योतिषियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी.
भाषा और मेडिकल कॉलेज पर बड़ा ऐलान
योग शिविर में साधकों से रामदेव ने कहा, ‘मैं तो विशुद्ध रूप से हिंदी और संस्कृत बोलता हूं और ऐसा इसलिए भी करता हूं क्योंकि यही लोग बोलते थे कि हिंदी और संस्कृत बोलने वाला कामयाब आदमी नहीं बन सकता.. अब हमने ऐसे झंडे गाड़े कि सब कहने लगे हैं कि हिंदी पढ़नी चाहिए, संस्कृत पढ़नी चाहिए… अगले 20 से 25 सालों में गुरुकुल में पढ़ने वाले ही देश चलाएंगे और मैं यह प्रयोग करके बताऊंगा.’ यही नहीं, बल्कि रामदेव ने एक बड़ा मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का भी ऐलान किया और कहा कि पतंजलि संस्था में बनने वाले मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस डिग्रीधारी पासआउट होंगे.
भाषा और मेडिकल कॉलेज पर बड़ा ऐलान
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