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उत्तराखंड में बच्चों में संक्रमण तेज़ी से फैला.
Corona in Uttarakhand : एक्सपर्ट मान रहे हैं कि तीसरी लहर बच्चों के लिहाज़ से बेहद खतरनाक होगी, लेकिन दूसरी लहर के दौरान ही उत्तराखंड में आंकड़े बेतहाशा दिख रहे हैं. इन आंकड़ों का विश्लेषण साफ चेतावनी देता नज़र आ रहा है.

उत्तराखंड में कोविड से मई महीने में मौतों का आंकड़ा भी डरावना दिखा है.
आपको बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार के ही डेटा के मुताबिक राज्य के नौ पहाड़ी ज़िलों में संक्रमण के बेतहाशा बढ़ जाने की खबर आई. इस खबर के मुताबिक इन नौ ज़िलों में 1 मई से 14 मई 2021 के बीच जितनी कोरोना मौतें हुईं, उतनी पूरे एक साल में भी नहीं हुई थीं.
राज्य कहां और कितना नाकाम रहा? सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज़ फाउंडेशन (SDCF) के प्रमुख अनूप नौटियाल ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार टेस्टिंग बढ़ाने और मौतों पर कंट्रोल करने में बुरी तरह नाकाम रही. नौटियाल के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रति एक लाख आबादी पर जितने एक्टिव केस हैं, उनकी तुलना की जाए तो उत्तराखंड में सात गुना ज़्यादा यानी 771 केस हैं. ये भी पढ़ें : अमेठी के गांव में एक के बाद एक 20 मौतें, डरे हुए ग्रामीणों ने कहा- ‘कारण नहीं पता!’ यह भी गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक उत्तराखंड में कोरोना वायरस के कुल एक्टिव केस 79,379 हैं जबकि महामारी की चपेट में आकर अब 4426 लोगों की मौत हो चुकी है.
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