भारत में ऐसे कई गांव हैं, जो अपनी खासियत के चलते खूब प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक गांव मसूरी के पास है, जिसे कॉर्न विलेज के नाम से जाना जाता है। हांलाकि इस गांव का वास्तविक नाम सैंजी गांव है। इसे कॉर्न विलेज क्यों कहा जाता है, इसका मतलब इस गांव में कदम रखते ही समझ आ जाता है। क्योंकि इस गांव में ऐसा बहुत कुछ हैं, जो आपको अचरज में डाल देगा ।
टिहरी गढ़वाल जिले में मसूरी के प्रसिद्ध केम्पटी फॉल्स से 5 किमी की दूरी पर सैंजी गांव अपनी विशेषता के कारण पर्यटकों के बीच काफी पॉपुलर है। यहां आपको हर घर में मक्के लटकते हुए नजर आएंगे। वास्तव में मक्के गांव की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। लेकिन दोस्तों इस सैंजी गांव की पूरी कहानी आपको यहाँ आने पर मज़बूर भी कर देगी ।
दरअसल इस गांव में हर घर में मकई को लटकाने के पीछे वजह है इन्हें सुखाना और बीज के रूप में इकठ्ठा करना । क्योंकि यह खेत के बीज उपलब्ध कराने के साथ घरों की साज-सज्जा में इजाफा करता है। बालकनियां, खिड़कियां यहां तक की दरवाजे भी इनकी फसलों से ढंके हुए हैं।मकई यानी भुट्टा इस गांव की मुख्य फसल है। ग्रामीण लोग फसल को सुखाने के बाद इसका आटा बनाते हैं। यहां हर घर को पके हुए मक्के से खूबसूरती से सजाया जाता है।
यह इस गांव में धन का संकेत माना जाता है क्योंकि लोगों के लिए मकई आहार का प्रमुख हिस्सा है और यहां के लोगों का पसंदीदा भोजन मक्के दी रोटी और अखरोट की चटनी है। यहां पर ग्रामीण न केवल मक्का, बल्कि गेहूं, चावल और अन्य सब्जियां भी उगाते हैं। फसल के मौसम के ठीक बाद , कुछ खेतों को सर्दियों के लिए तैयार किया जाता है।हांलाकि इस गांव में कुल 35 परिवार रहते हैं।लेकिन यह गांव बहुत ही सुंदर और स्वच्छ है। अगर if आप यहना आएंगे तो यहां के रंगीन घर आकर्षक लगेंगे क्योंकि इन घरों के बीच कोई दुकान नहीं है। तो निकल पढ़िए Corn Village देखने