[ad_1]
हाईवे से मलबा हटाया जा रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मानसून से पहले राज्य में भारी बारिश हुई है जिसके चलते संवेदनशील पहाड़ी इलाकों और रास्तों पर भूस्खलन की घटनाएं होने के अंदेशे पहले ही जानकारों ने जताए थे. भूस्खलन की इस घटना से करीब एक दर्जन इलाकों का संपर्क कट गया.
उत्तरकाशी. भारत और चीन के बॉर्डर तक जाने वाला महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे दुर्घटना के कारण ठप हो गया. भूस्खलन होने के कारण सोमवार की अलसुबह ऋषिकेश से गंगोत्री जाने वाले हाईवे पर आवागमन बंद हो जाने से लोगों के साथ ही तीर्थयात्रियों और सुरक्षा बलों को भी काफी परेशानी होने की खबरें हैं. आधिकारिक सूचनाओं में यह भी बताया गया कि जल्द ही इस अवरुद्ध मार्ग को फिर शुरू किए जाने के लिए ज़रूरी काम तेज़ी से किया जा रहा है.
सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के हवाले से समाचारों में कहा गया कि भूस्खलन की घटना के कारण इस नेशनल हाईवे के बंद होने से सिर्फ गंगोत्री ही नहीं बल्कि 11 गावों का सड़क मार्ग से संपर्क पूरी तरह कट गया. अधिकारियों ने बताया कि इस मार्ग पर चट्टानों के जो टुकड़े और मलबा आ गया है, उसे पूरी तरह साफ करवाया जा रहा है. बीआरओ की मानें तो मंगलवार की रात तक यह रास्ता दोबारा शुरू हो पाने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें : पर्यावरण की दुर्गति पर रस्किन बॉंड की कविता ‘देहरादून का मर्सिया’ चर्चा में
भूस्खलन से गंगोत्री और 11 स्थानों का सड़क संपर्क टूटा.
ये भी पढ़ें : CM तीरथ सिंह रावत की PM मोदी से आधे घंटे की मुलाकात, क्या हुईं बातें?
चारधाम यात्रा का प्रमुख मार्ग
यह नेशनल हाईवे केवल सुरक्षा ही नहीं, बल्कि तीर्थ के लिहाज़ से भी काफी महत्वपूर्ण है. चार धाम यात्रा के लिए जो दो लेन का एक्सप्रेस नेशनल हाईवे निर्माणाधीन है, उसमें भी ऋषिकेश से गंगोत्री तक के लिए यह रास्ता अहम है. धारासू होते हुए जाने वाला यह रास्ता पुराने रूट जैसा ही है, जिस पर चार धाम के लिए सड़क हाईवे के साथ रेलवे भी शुरू होगा. बहरहाल, यह रास्ता बॉर्डर से लगी नेलांग घाटी तक जाता है. इस हाईवे के ज़रिये मुख्य तौर पर गंगोत्री तक ही ट्रांसपोर्ट किया जाता है.
[ad_2]
Source link