वो जंगल में घास काट रही थी लेकिन उम्मीद नहीं थी कि अगले ही पल उसकी जान सांसत में पड़ने वाली है। लेकिन जो हुआ वो देख सुन कर पूरा पहाड़ तारीफ कर रहा है। जिस वक्त खूंखार गुलदार जानकी देवी की बहू पर झपटा उन्होंने बहादुरी से खुद को आगे जहां दिया और बहू को बचाने के लिए गुलदार से भिड़ गईं। अगस्त मुनि के फलाई गांव की 62 वर्षीय जानकी देवी और उनकी बहू पूनम जंगल में घास काट रहे थे। तभी अचानक झाड़ी के पीछे छुपे गुलदार ने पूनम पर हमला कर दिया था । जो भी इस किस्से को सुन रहा है, वह बुजुर्ग जानकी देवी के साहस की तारीफ करते नहीं थक रहा।
जंगल के सन्नाटे में सास बहू की चीख पुकार सुन गुलदार ने पूनम को तो छोड़ दिया लेकिन जानकी देवी पर अटैक कर दिया और उन्हें काफी दूर तक घसीट कर ले गया। हमले में बुजुर्ग महिला के शरीर पर कई जगह गहरे जख्म हो गए हैं। उन्हें सीएचसी अगस्त मुनि में प्राथमिक उपचार देने के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। गनीमत है कि बहू पूनम को हल्की फुल्की चोट लगी है और उनकी हालत में अब सुधार बताया जा रहा है।
उत्तराखंड में आज भी महिलाओं का ग्रामीण पहाड़ी जीवन इसी तरह के खतरों में गुजरता है जहाँ लकड़ी पशु चारा और अन्य रोज़मर्रा के कामों के लिए उन्हें जंगल में जाना पड़ता है लेकिन ऐसे खतरे भी सामने आते हैं तो साहस से उसका मुकाबला करना उनकी नियति बन जाती है। लेकिन सबसे सुखद पहलू ये है कि हमारे देश समाज परिवार में सास बहू के चर्चित रिश्तें के बीच ऐसी बहादुर सास जब बहु के लिए अपनी जान सासत में डालती हैं तो वो एक बेहतरीन नज़ीर बन जाती है।