चाहे आपको नया सिम कार्ड लेना हो, बैंक में अपना अकाउंट खुलवाना हो… पैन कार्ड यूज करना हो या किसी सरकारी योजना का लाभ उठाना हो, आधार की जरूरत पड़ ही जाती है. इसने लोगों के लिए भी और सरकार के लिए भी काम को आसान बनाया है. हाल ही में आधार से पैन को लिंक करने की डेडलाइन समाप्त हुई है. अब आधार से एक और डॉक्यूमेंट को लिंक करने की जरूरत पड़ सकती है.
दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई
दरअसल मांग की जा रही है कि देश भर में प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स को आधार से लिंक किया जाना चाहिए. इससे भ्रष्टाचार, काला धन और बेनामी संपत्ति के लेन-देन पर रोक लगेगी. इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है. उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से मामले में जवाब मांगा है.
याचिकाकर्ता ने दिए ये तर्क
दिल्ली उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की है वकील अश्विनी उपाध्याय ने. वकील अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि भ्रष्टाचार, काला धन और बेनामी संपत्ति के खिलाफ कड़े कदम जरूरी हैं. देश भर में कुछ लोगों ने अवैध तरीके से संपत्तियां बनाई हैं. प्रॉपर्टी खरीदकर बड़े पैमाने पर काला धन को ठिकाने लगाया गया है. अगर प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट को आधार से लिंक कर दिया जाता है, तो ऐसे मामले आसानी से पकड़ में आ सकते हैं.
सरकार को 4 सप्ताह का समय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नागरिकों की संपत्ति के दस्तावेज को उनकी आधार संख्या से जोड़ने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब देने को कहा. हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार, काला धन और बेनामी लेन-देन पर अंकुश लगाने से जुड़ी याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को 4 सप्ताह का समय प्रदान किया.
इन मंत्रालयों से मांगे गए जवाब
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने वित्त, कानून, आवास एवं शहरी मामलों और ग्रामीण विकास मंत्रालयों को याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया. अब इस मामले पर अदालत में अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी. अदालत ने गृह मंत्रालय से भी इस मामले पर जवाब की मांग की है.