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उत्तराखंडः बिना रिपोर्ट आने पर पाबंदी, बाहर से नहीं मंगा सकते खाना; इस गांव ने ऐसे किया कोरोना को काबू

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कोरोना से लड़ाई लड़ने सख्त नियम बेतालघाट ब्लाक के खलाड़ गांव में दिख रहे हैं.  ब्लाक में कोरोना कहर के बाद भी ये गांव खुद को कोविड संक्रमण से बचाये हुए है.

कोरोना से लड़ाई लड़ने सख्त नियम बेतालघाट ब्लाक के खलाड़ गांव में दिख रहे हैं.  ब्लाक में कोरोना कहर के बाद भी ये गांव खुद को कोविड संक्रमण से बचाये हुए है.

कोरोना से लड़ाई लड़ने सख्त नियम बेतालघाट ब्लाक के खलाड़ गांव में दिख रहे हैं. केंद्र व राज्य सरकारों के निर्देशों के अलावा इस गांव में कोविड के अपने नियम हैं. शहरों से आने वालों के लिए गांव में कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रधान के पास में जमा करना अनिवार्य है.   

नैनीताल. उत्तराखंड के नैनीताल के एक गांव ने कोरोना से जंग जीतने अपने अलग ही नियम लागू कर दिए हैं. बेतालघाट ब्लाक के गांव में कोरोना फैलने लगा तो ब्लाक के ही खलाड़ गांव ने अपने सख्त नियम बनाकर गांव तक कोरोना को पहुंचने से रोक दिया. कोरोना से लड़ाई लड़ने सख्त नियम बेतालघाट ब्लाक के खलाड़ गांव में दिख रहे हैं.  ब्लाक में कोरोना कहर के बाद भी ये गांव खुद को कोविड संक्रमण से बचाए हुए है. केंद्र व राज्य सरकारों के बाद इस गांव में कोविड के अपने नियम हैं. शहरों से आने वालों के लिए गांव में प्रवेश के लिए कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रधान के पास में जमा करना अनिवार्य है. रिपोर्ट नहीं होने की स्थिति में गांव से बाहर मकान में 14 दिन का क्वारन्टीन का समय पूरा करना होगा. इस दौरान घर वालों को खाना देना होगा. इस दौरान गांव की सब्जी का इस्तेमाल करने का नियम है. अगर किसी ने सामान बाहर से भी मंगाया तो उसको सेनेटाइजर और धोना अनिवार्य किया है. हालांकि इस पहल से ग्रामीण भी काफी खुश भी हैं और सुरक्षित भी.

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दरअसल, नैनीताल में बेतालघाट ब्लाक में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैली तो कई गांव इसकी चपेट में आ गए. बावजूद इसके खलाड़ गांव ने अपने गोंब के लोगों को संक्रमण से बचने के लिए कड़े नियम बना दिया. बाजार जाने पर रोक लगा दी गयी. हालांकि 90 परिवारों में बाजार से सामान लाने के लिए कैलाश बधानी खुद बाजार जाते हैं और शाम को ही लिष्ट ले लेते हैं. हालांकि प्रधान कहती हैं कि आसपास अस्पताल न होने के चलते गांव को बचने के लिए ऐसे नियम जरूरी हैं.





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