इस मरीज के लिवर कैंसर का पता तब पता चला जब वह अस्पताल में गाल ब्लैडर सर्जरी के लिए आयी थी। सर्जरी के दौरान, डॉक्टरों ने उसके गॉलब्लैडर की थैली के चारों ओर एक बड़ा ऊतकों का समूह देखा जो की सामान्यता नहीं दिखाई नहीं दे रहा था। यह प्रक्रिया एक सर्जिकल जीआई ऑन्कोलॉजिस्ट द्वारा की गई थी जिसमे लिवर और आसपास के ऊतकों के एक हिस्से को सफलतापूर्वक हटा दिया था और रोगी का जीवन बच गया।
इस केस के बारे में डॉ. विशाल निधि कुलश्रेष्ठ, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और हेपेटोपैंक्रिएटोबिलरी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी ने बताया: “मरीज को पिछले तीन महीनों से पेट में गंभीर दर्द हो रहा था और कई डॉक्टरों से परामर्श लेने और दवाइंया लेने के बाद भी यह दर्द कम नहीं हो रहा था। पहले वह गॉल स्टोन हटाने की सर्जरी के लिए मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून आई थी लेकिन इलाज के दौरान, डॉक्टरों ने उसके गॉलब्लैडर के चारों ओर एक बड़ा ऊतकों का समूह दिखा जो सामान्य स्थिति में दिखाई नहीं दे रहा था। उन्होंने ऊतकों के इस समूह का एक नमूना लिया और इसे मूल्यांकन के लिए भेजा, जिससे पता चला कि यह कैंसर था और लिवर और अन्य क्षेत्रों में फैल सकता था। मरीज की पिछली सर्जरी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, हम जानते थे कि कैंसर को शरीर में फैलने से रोकने के लिए उन्हें जल्दी इलाज करना होगा। एक महीने के भीतर, हमने रेडिकल कंप्लीशन कोलेसिस्टेक्टोमी की, जिसमें पिछली सर्जरी के समान बड़े हुए ऊतकों को काटना तथा पिछले बार हुई रक्तस्राव की जटिलताएं को ध्यान में रखते हुए मरीज की जान बचायी। यह सर्जरी सफल रही और मरीज अब स्वस्थ जीवन जी रहा है। ”डॉ करमजोत सिंह बेदी – कंसल्टेंट – गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी, ” यह अस्पताल स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रचलित सभी नवीनतम उपचार और तकनीकों से सुसज्जित है और गंभीर मामलों को संभालने के लिए विशेषज्ञों डॉक्टरों का पैनल उपलब्ध है । स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी होने के नाते, हमारा मानना है कि अस्पताल सही बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञता के साथ अधिक गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना आगे भी जारी रखेगा।”