अगर आप पहाड़ों की सैर पर आ रहे हैं तो नज़रें वादियों से ज्यादा सड़कों और घुमावदार रास्तों पर जमाए रखियेगा क्योंकि हादसों को आमंत्रित करते जानलेवा गड्ढों की लम्बी चौड़ी संख्या अभी भी दुर्घटना को आमंत्रित कर सकती है। आपको खबर के अंदर ले चलते हैं जहाँ ये पता चला है कि उत्तराखंड में सड़क हादसे रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट को चिह्नित किया गया है…. आपको याद ही होगा कि सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का सख्त आदेश भी दिया था। इसके बाद उम्मीद थी कि विभाग सक्रीय होगा लेकिन हैरानी की बात है कि चार धाम यात्रा शुरू हो गयी है बावजूद इसके आज प्रदेश भर में 163 ब्लैक स्पॉट मौजूद है। हल्की दावा है कि इन ब्लैक स्पॉट पर हादसों की रोकथाम के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं की सड़क सुरक्षा के तहत राज्य सरकार के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने करीब 120 ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त कर दिया है। .
क्या आप जानते हैं किसको कहते हैं ब्लैक स्पॉट:
आपकी जानकारी के लिए न्यूज़ वायरस बता रहा है कि क्या होता है ब्लैक स्पॉट , दुर्घटना के लिहाज से किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाइवे या जिला मार्ग पर मौजूद वह स्थान जहां पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं. किसी विशेष जगह पर तीन साल तक लगातार या फिर एक साल में 5 दुर्घटनाएं हुई हों, जिसमें लोग गंभीर रूप से घायल हो जाएं या फिर 10 लोगों की मौत हो जाए, तो उस जगह को दुर्घटना प्रोन स्थान के रूप में सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करती है।
जान लीजिये प्रदेश में ब्लैक स्पॉट्स की ताज़ा स्थिति:
गर्मियों के सीजन में पर्यटकों और धार्मिक यात्रा पर आने वालो की संख्या सबसे ज्यादा होती है। वाहनों की रिकॉर्ड संख्या भी पहाड़ की सड़कों पर दौडती है लिहाज़ा ये ज़रूरी हो जाता है की दुर्घटना पर रोक लगाई जाये। उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर में ऐसे 163 ब्लैक स्पॉट हैं, जिसमें करीब 120 ब्लैक स्पॉट को ठीक किया गया है। देखना होगा कि विभाग इन बचे जानलेवा गड्ढों की संख्या को कब तक शून्य कर पाटा है।