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भाजपा की हामी – पहाड़ में धामी

विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी

उत्तराखंड में सीएम पर सस्पेंस सोमवार शाम होते होते खत्म हुआ और वहीँ नाम सामने आया जिसका इशारा न्यूज़ वायरस समूह ने पहले ही कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को जैसे ही नेता सदन चुना गया भाजपा मुख्यालय के बहार ढोल नगाड़े और पटाखे बजने लगे।

पार्टी नेताओं की शुभकामना लेते हुए नव निर्वाचित नेता सदन धामी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मीटिंग के बाहर आये और मीडिया से मुखातिब हुए पार्टी नेतृत्व का आभार जताया और फिर विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद राजभवन पहुँच कर राज्यपाल गुरमीत सिंह से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया.पार्टी संगठन ने पहले ही बता दिया है कि 23 मार्च को देहरादून के परेड ग्राउंड में एक यादगार शपथ ग्रहण का आयोजन किया जा रहा है , जिसमें पीएम मोदी , गृह मंत्री अमित शाह , तमाम केंद्रीय मंत्री और भाजपा के मुख्यमंत्रियों का दल शामिल होगा। .

बीजेपी विधायक दल की बैठक में शामिल होने आये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं पुष्कर धामी को बधाई देता हूं और मुझे विश्वास है कि उत्तराखंड इनके नेतृत्व में प्रगति करेगा  धामी सरकार चला चुके हैं.इन्हें सरकार चलाने का अनुभव है. और बीते छह महीने में पुष्कर सिंह धामी ने अपनी छाप छोड़ी है.लिहाज़ा उन्हें ही अब फिर से कमान सौंपी जा रही है।

पुष्‍कर सिंह धामी के रूप में उत्‍तराखंड को 12वां मुख्‍यमंत्री मिल गया है। भाजपा विधायक दल की बैठक में युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाते हुए पुष्‍कर सिंह धामी के नाम पर मुख्‍यमंत्री पद के लिए मुहर लगी। आइये जानते हैं युवा नेतृत्व को आगे बढ़ा रहे धामी का निजी और राजनैतिक सफर अब तक कैसा रहा है –

नाम – पुष्‍कर सिंह धामी
पद – मुख्यमंत्री , उत्तराखंड
जन्म तिथि- 16 सितंबर 1975
जन्म स्थान- कनालीछीना, जिला पिथौरागढ़, उत्तराखंड
कर्म स्थान- खटीमा, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
शैक्षणिक योग्यता: स्नातकोत्तर (मानव संसाधन प्रबंधन एवं औद्योगिक संबध), एलएलबी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवक ,
आयु- 33 वर्ष,
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (10 वर्ष),
कार्य क्षेत्र – उत्तर प्रदेश(लखनऊ विश्वविद्यालय) से प्रांतीय स्तर(अवध प्रांत) तक दायित्ववान कार्यकर्ता

राजनीतिक जीवन

प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, उत्तराखंड (लगातार दो बार 2002 से 2008 तक)
विशेष कार्याधिकारी (मुख्यमंत्री,उत्तराखंड (2001-2002 )
उपाध्यक्ष ,राज्यमंत्री (दर्जा प्राप्त) शहरी अनुश्रवण समिति, उत्तराखंड
(2010-2012 ) प्रथम बार (2012 से 2017 ) द्वितीय बार (2017-से 2022 )
प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा,उत्तराखंड प्रथम बार (2016 से 2020 तक) द्वितीय बार (2020 से अब तक )

मौजूदा ज़िम्मेदारी – मुख्यमंत्री चार जुलाई, से वर्तमान तक

पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार उत्तराखंड के सीएम बनेंगे. सोमवार को भाजपा की विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई पिछली सरकार में आखिरी वक्त में बीजेपी ने पुष्कर धामी को उत्तराखंड का सीएम बनाया था.हालांकि उन्होंने 6 महीने के कार्यकाल में ही अपने काम से बीजेपी में अपनी पहचान बना ली जिसका परिणाम रहा कि टीम मोदी ने धामी पर भरोसा जताते हुए उन्हें ही अगला चीफ मिनिस्टर बनाया है। बताया जा रहा है कि अब 23 मार्च को प्रदेश में धामी पार्ट टू का आगाज़ एक भव्य शपथ ग्रहण से शुरू हो जायेगा

पहाड़ में तमाम मिथक को तोड़कर बुलंद व्यक्तित्व बना चुके धामी को पहली बार जब मुख्यमंत्री बनाया गया था तो राजनैतिक पंडित भी हैरान रह गए थे लेकिन क्यों पीएम मोदी की पहली पसंद बने धामी ? इसका जवाब चंद महीने का उनका कार्यकाल बता रहा है। लिहाज़ा अब पूरे पांच साल के लिए प्रदेश की कमान सम्हालते हुए दूसरी बार सीएम के तौर पर शपथ लेकर पुष्कर सिंह धामी एक नए जोश के साथ अपना कार्यकाल आरम्भ करने जा रहे हैं। .

6 महीने के भीतर जीतना होगा चुनाव

पुष्कर सिंह धामी को बीजेपी विधायक दल ने भले ही अपना नेता चुन लिया हो और वो मुख्यमंत्री बनने वाले हैं, लेकिन अगले 6 महीने के अंदर उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना ही होगा. संविधान के अनुच्छेद 164 में प्रावधान किया गया है कि कोई शख्स यदि विधानमंडल का सदस्य नहीं है, तो वह 6 महीने से ज्यादा मंत्री पद पर नहीं रह सकता है..ऐसे में उन्हें 6 महीने के भीतर सदन की सदस्यता लेनी होगी.अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है.

कहां से लड़ सकते हैं चुनाव?

सीएम के तौर पर चुने जाने के बाद सूत्रों का कहना है कि पुष्कर सिंह धामी डीडीहाट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.इस सीट पर बीजेपी के बिशन सिंह चूफाल ने जीत हासिल की है..बिशन सिंह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केबिनेट मंत्री हैं. पुष्कर धामी की सरकार में किशन सिंह मंत्री भी रह चुके हैं.

दरअसल उत्तराखंड में विधान परिषद की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में धामी के पास विधानसभा चुनाव जीतने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.गौरतलब है कि हाल में हुए चुनाव में धामी खटीमा विधानसभा से चुनावी मैदान में थे, लेकिन वो अपनी सीट नहीं बचा पाए थे..उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार भुवन चंद्र कापड़ी ने 6579 वोटों से हरा दिया था.लेकिन अब वो एक मुख्यमंत्री के तौर पर चुनाव लड़ेंगे जिसको जीतना उनके और पार्टी के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।

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