उत्तराखंड में कांग्रेस हार गई लेकिन सबक सीखा , भारतीय जनता पार्टी ने , तभी तो धामी सरकार की जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं था कि उत्तराखंड भाजपा हारी हुई सीटों का पोस्टमार्टम करने में जुट गई है।
दिल्ली से समीक्षा करने का आदेश हुआ तो नींद उड़ गई है उन भाजपा के भीतरघातियों की , जिन्होंने टिकट न मिलने की खुन्नस और मनमाफिक उम्मीदवार न उतारे जाने की खीज में पार्टी से ही बगावत कर बैठे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी की अप्रत्याशित हार तब हुई जब उन्होंने हारी हुई बाजी को बेहतरीन ढंग से जीत कर सरकार की वापसी कराई , ऐसे में खुद वह खटीमा हार जाएंगे किसे पता था लेकिन अब पार्टी आलाकमान ने तय किया है कि हारी हुई सभी सीटों पर विश्लेषण किया जाए , हार के कारण तलाशे जाएं और विभीषणों को चिन्हित कर कार्यवाही की जाए। लिहाज़ा अगले कुछ दिन उत्तराखंड भाजपा के लिए अहम होने वाले हैं क्योंकि भाजपा के पार्टी संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष पोलिटिकल ऑपरेशन की पूरी तैयारी के साथ हार का पोस्टमार्टम करने देहरादून आ रहे हैं.पार्टी सूत्र बताते हैं की इस दौरान संतोष कई मीटिंग लेकर उत्तराखंड में उन 23 सीटों पर पार्टी की हार के कारणों की पड़ताल करेंगे,जिन पर पार्टी को जीत का भरोसा था। मतलब साफ़ है कि अब वो चेहरे बेनकाब हो सकते हैं जिन्होंने पार्टी से भितरघात कर खुद मुख्यमंत्री की सीट हरवाने में भूमिका निभाई थी।
