बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिंधिया को दिया खास काम, कहा- नए मंत्री सबसे पहले इसे निपटाएं

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मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) को एयपोर्ट का नामकरण करने की अपनी नीति को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि, हाल ही में कैबिनेट में फेरबदल हुआ है. ऐसे में नए मंत्री सबसे पहले इस कार्य को पूरा करें. 2017 से ये नीति ड्राफ्ट में है इसे अब इस स्तर पर नहीं रहना चाहिए. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला. मध्य प्रदेश के प्रमुख नेता सिंधिया ने बुधवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. वह मार्च 2020 में भाजपा में शामिल हुए थे और इस समय राज्यसभा सदस्य हैं.

सिंधिया ने ऐसे समय में मंत्रालय का कार्यभार संभाला है, जब नागरिक उड्डयन क्षेत्र को कोरोना वायरस महामारी के कारण मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है. इस क्षेत्र में मांग काफी अधिक प्रभावित हुई है और इसके चलते विमानन कंपनियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. सरकार राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा रही है.

नीति में क्या है प्रस्ताव

बता दें 2017 की शुरुआत में, यह बताया गया था कि सरकार मौजूदा हवाई अड्डों के साथ-साथ भविष्य के ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का नाम व्यक्ति विशेष के नाम पर न रखकर शहरों के नाम पर रखने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. केंद्र की ओर से इसका कारण नाम न परिचित होने की स्थिति में यात्रियों और विदेशी पर्यटकों को होने वाली कथित असुविधा बताया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने 2016 में राज्यसभा में कहा था कि आम तौर पर यात्रियों की सुविधा और विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, जो क्षेत्र के स्थानीय इतिहास से परिचित नहीं हैं, हवाई अड्डों का नाम उन शहरों के नाम पर रखने का विचार आया है जहां वह स्थित हैं अथवा जहां से वह सेवा दे रहे हैं, जबकि हवाईअड्डों के टर्मिनल के नाम प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम पर रखे जा सकते हैं.

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