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हरीश रावत : आखिर हरदा ने रामनगर सीट ही क्यों चुनी जानिए वो दिलचस्प संयोग क्या है

विशेष रिपोर्टआशीष तिवारी उत्तराखंड में कांग्रेस चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के चुनाव लड़ने की संभावनाएं जिस दिन से तेज हुई थी उसी लम्हे राजनैतिक चाणक्य ये कयास लगाने लगे थे कि सियासी खेल के माहिर हरीश रावत कोई रोचक विधानसभा क्षेत्र से ही मैदान में उतरेंगे। हरदा को चुनाव लड़वाने को लेकर हाईकमान भी मंथन कर चुका था लेकिन बदलते समीकरण में थोड़ा देर से ही सही रहस्य खुला । न्यूज़ वायरस के सूत्रों का दावा था कि हरीश रावत रामनगर सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते और वही हुआ। हालांकि हरीश रावत को रामनगर से उतारने पर कांग्रेस के अंदर ही सबसे बड़ी बगावत हो सकती थी । रामनगर सीट पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत पूरा जोर लगा रहे थे । ऐसे में आने वाले दिनों में रामनगर सीट जीतने के लिए न सिर्फ प्रदेश कांग्रेस के लिये बल्कि खुद हरदा के लिए साख के साथ साथ सबसे हॉट सीट हो गयी है।

जानिए क्यों वीआईपी और हॉट सीट है बन गई रामनगर

पूरे प्रदेश में रामनगर सीट का अपना इतिहास और महत्व है। रामनगर उत्तराखंड की सबसे हॉट सीट है। 22 साल के इतिहास में ये माना जाता है कि जिस पार्टी का विधायक रामनगर सीट से जीता सरकार उसी पार्टी की बनती है। इतना ही नहीं उत्तराखंड की पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री दिवंगत नारायण दत्त तिवारी ने उपचुनाव में रामनगर सीट से ही चुनाव जीता था, जो​ कि 5 साल तक एकमात्र मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करने का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रहे। 2002 में कांग्रेस के योगेम्बर सिंह रावत विधायक बने तो कांग्रेस की सरकार बनी। 2007 में भाजपा के दीवान सिंह बिष्ट चुनाव जीते और सरकार भाजपा की बनी।

2012 में रामनगर से कांग्रेस के टिकट पर अमृता रावत चुनाव जीती और सरकार कांग्रेस की बनी। 2017 में एक बार फिर से दीवान सिंह बिष्ट चुनाव जीते और सरकार भाजपा की बन गई। इस वजह से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन इस बार चुनौती न सिर्फ विपक्षी दलों से है बल्कि अंदरूनी गुटबाजी से भी हरदा को निपटना होगा क्योंकि ये पारी संभव है कि हरीश रावत के लिए आखिरी हो। लिहाज़ा कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे पूर्व मुख्यमंत्री रावत ऐसी संभावना राजनैतिक गलियारे में जताई ज राही है।

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