देहरादून के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नेत्र विज्ञान विभाग ने “विश्व ग्लूकोमा सप्ताह ” का आयोजन किया जिसमें EYE OPD में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे इस वर्ष विश्व ग्लूकोमा सप्ताह 2023 की थीम थी “द वर्ल्ड इज ब्राइट, सेव योर साइट”। इस सप्ताह ग्लूकोमा के मामले के लिए कुल 400 रोगियों की जांच की गई जिसमें 3% की सकारात्मकता थी .
नेत्र ओपीडी में विजिट के दौरान संपर्क में आए लोगों व मरीजों को इस अंधे रोग के बारे में बताया गया और ओपीडी लेक्चर थियेटर में जन जागरूकता व्याख्यान भी दिया गया और आई साथ ही ओपीडी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि ग्लूकोमा से होने वाले अंधेपन को रोका जा सकता है, लेकिन हमें 40 साल से ऊपर के सभी लोगों की नियमित जांच पर जोर देने की जरूरत है। उन्होंने हमें यह भी बताया कि हमारे पास ग्लूकोमा के चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रबंधन के लिए सभी उपकरण हैं। रेडिएशन के प्रोफेसर डॉ. दौलत सिंह ने कहा कि जन-जागरूकता से ग्लूकोमा से होने वाले अंधेपन को कम किया जा सकता है.
नेत्र विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. युसूफ रिजवी ने कहा कि नए जांच उपकरणों और उपकरणों के साथ निशान जल्दी किया जा सकता है लेकिन रोगियों को एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाना पड़ता है क्योंकि यह एक गंभीर स्थिति है और इसका जल्द से जल्द इलाज करने की आवश्यकता है.