न्यूज़ वायरस के लिए फ़िरोज़ आलम गाँधी की रिपोर्ट
हमारे देश में न जाने ऐसे कितने राजा हुए, जिनका शासनकाल लंबा और प्रभावशाली रहा है. ऐसे में इन राजाओं की थाली में कुछ ऐसे व्यंजनों को परोसा जाता था जो बेहद ही अलग और स्वादिष्ट होते थे. उन्हीं व्यंजनों में से एक थी निहारी. जब भी हम मुगल और शाही पकवानों का जिक्र करते हैं तो सबसे पहला ख्याल बिरयानी, कोरमा या कबाब का आता है. लेकिन आपको बता दें कि इनके अलावा भी एक ऐसी डिश थी जिसे बेहद ही पसंद किया जाता था. उसका नाम था निहारी. इस डिश को मटन या मीट के माध्यम से तैयार किया जाता था. ऐसे में लोगों को निहारी से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में पता होना जरूरी है.
निहारी डिश का संबंध अवध से
जी हां, निहारी का संबंध अवध से माना जाता है. हालांकि इसके अस्तित्व से जुड़े कुछ और भी मतभेद हैं, जिस पर लोग विश्वास करते हैं. बता दें कि इस डिश को पहली बार 18वीं शताब्दी के अंत में मुगल साम्राज्य के अंतिम दौर में बना कर पेश किया गया था. उस समय ये डिश मगलों को बेहद ही पसंद आई, जिसके बाद इसे नवाबों की थाल में परोसा जाने लगा. ध्यान दें कि अरबी भाषा में इस डिश को नाहर के नाम से जाना जाता है. Also Read – Namkeen Tea Side Effects : चाय के साथ नमकीन खाना कितना सही? जाने लें यहांमुगल बादशाह का था नाश्ता
पुराने समय में नवाब और मुगल बादशाह निहारी को नाश्ते के रूप में खाते थे. चूंकि इसे खाने से ऊर्जा मिलती थी और शरीर गर्म रहता था ऐसे में यह सिपाहियों की थाल में भी परोसा जाता था.
जब अवध पड़ा था अकाल
बता दे कि जब अवध में अकाल पड़ा था तो सबसे ज्यादा खाए जाने वाली डिश निहारी थी. यह वो दौर था जब अवध में इमामबाड़ा का निर्माण हो रहा था. आज के समय में निहारी पुरानी दिल्ली में काफी फेमस डिशेज में से एक है, जिसे तंदूरी रोटी के साथ खाया जाता है. यह कई तरीकों से तैयार की जाती है. कुछ लोग मीट की निहारी पसंद करते हैं तो कुछ मटन की निहारी खाते हैं.