डॉक्टर का दावा – भारत में चुनाव कोरोना की सुनामी ला सकते हैं –

गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और UP में होने वाले चुनाव देश में कोरोना की सुनामी ला सकते हैं, क्योंकि ओमिक्रॉन में तीन डोज ले चुके लोग भी संक्रमण का शिकार बन रहे हैं। UK में तो 62% आबादी को बूस्टर डोज लग चुका है, फिर भी हर रोज करीब डेढ़ लाख केस आ रहे हैं। करीब 20 हजार लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ रहा है।

यह कहना है ब्रिटेन स्थित ग्लोबल हेल्थ अलायंस के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. रजय नारायण का। ओमिक्रॉन को लेकर डॉ. नारायण ने मीडिया के तमाम सवालों के जवाब दिए। पढ़िए आने वाले कुछ दिन हिंदुस्तान के लिए कितने संवेदनशील हो सकते हैं –

1 . भारत के पांच राज्यों में फरवरी में चुनाव होने जा रहे हैं, इससे हालात किस तरह बिगड़ सकते हैं?

चुनाव को यदि कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया जाता तो बहुत अच्छा होता। UK में तो फुटबॉल मैच तक रद्द कर दिए गए हैं, जो यहां बहुत ज्यादा पॉपुलर हैं। भारत के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव देश में कोरोना की सुनामी ला सकते हैं।

यह बात सही है कि चुनावी कार्यक्रमों में युवा वर्ग ज्यादा शामिल होता है, जिन्हें इंफेक्शन का ज्यादा खतरा नहीं होता, लेकिन जब ये लोग अपने घरों में जाएंगे तो मां-बाप, दादा-दादी के लिए खतरा बनेंगे। ऐसे में बड़ी रैलियां तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए। 20 लोगों की भीड़ ही बहुत तेज स्पीड से वायरस को फैला सकती है।

2 . भारत में लगातार तीसरे दिन डेढ़ लाख से ज्यादा कोरोना केस आए हैं। यह आंकड़ा कितना बढ़ सकता है और तीसरी लहर का पीक कब आएगा?

देखिए, आप ब्रिटेन की स्थिति से भारत का अंदाजा लगाइए। हमारे यहां 95% लोगों को फर्स्ट डोज, 82% को सेकंड डोज और 62% को बूस्टर डोज लग चुका है, इसके बावजूद हर रोज डेढ़ से दो लाख केस आ रहे हैं, क्योंकि ओमिक्रॉन इम्यून सिस्टम को धोखा देकर इंफेक्ट कर देता है। चाहे आपने कोई भी वैक्सीन ली हो, इस वायरस में उसे बायपास करने की ताकत है। इस हिसाब से लगता है कि भारत में अगले तीन से चार हफ्तों में केस बहुत तेजी से बढ़ेंगे। हर रोज 3 से 4 लाख तक केस आ सकते हैं। फरवरी के दूसरे हफ्ते तक पीक आ सकता है।

3 . ऐसा कहा जा रहा कि, ओमिक्रॉन घातक नहीं है। इसमें अस्पताल नहीं जाना पड़ता ?

जिन लोगों को तीनों डोज लग चुके हैं वो भी संक्रमित हो रहे हैं। जिन्हें पहले कोविड हो गया वो भी इसका शिकार हो रहे हैं। ऐसे में आप यह बिल्कुल नहीं कह सकते कि यह घातक नहीं है। दुनिया की कोई भी वैक्सीन सिर्फ 70 से 75 परसेंट प्रोटेक्शन ही दे पाती है। 25 परसेंट की रिस्क तो हमेशा होती है।

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