विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
दुश्मनों के सुराग लगाने , विस्फोटक पदार्थ को खोजने और अपराध के उलझे तारों को सुलझाने में आपने ख़ास किस्म के कुत्तों की बड़ी भूमिका निभाते देखा होगा। इतना ही नहीं संदिग्ध वस्तुओं व व्यक्तियों, पहाड़ों पर बर्फ में दबे लोगों को ढूंढ निकालने आदि महत्वपूर्ण कामों को अंजाम देने में भी डॉग्स की अहमियत को सब जानते हैं।
लेकिन अमेरिका में विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान अब कोविड पॉजिटिव रोगियों की पहचान भी करने लगे हैं।आपको यकीन नहीं होगा लेकिन जो काम टेस्टिंग मशीन कर रही हैं अब वही काम कुत्तों ने सम्हाल लिया है। हम यहां अमेरिका के ऐसे खोजी श्वानों यानि स्निफर डॉग्स का जिक्र कर रहे हैं जो वैश्विक महामारी कोरोना से संक्रमित किसी व्यक्ति की पहचान सूंघ कर कर लेते हैं।
बायो डिटेक्शन के आ रहे काम, कैंसर व डायबिटीज की भी पहचान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में खोजी कुत्तों का इस्तेमाल कैंसर, डायबिटीज व पार्किंसंस जैसे रोगों की पहचान में भी किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को ‘बायो डिटेक्शन’ या जैविक पड़ताल कहा जाता है।
कोरोना संक्रमित के शरीर से निकलते हैं वीओसी
अमेरिकी सरकार के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन का कहना है कि कुत्ते अपनी दिव्य शक्ति के दम पर किसी पदार्थ के 1.5 खरब वे अंश का भी पता लगा सकते हैं। जब कोई बीमार पड़ता है तो उसके शरीर में से खास तरह के वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड निकलते हैं। ऐसे में जब कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो उसके शरीर से आने वाली विशेष गंध को ये ये कुत्ते पहचान लेते हैं। इन्हें ही बायो डिटेक्शन डॉग्स कहा जाता है।