विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
अगर आप ये सुनते हैं कि धरती पर डॉक्टर भगवान होते हैं तो यकीन मानिए ये शत प्रतिशत सत्य है। इस सत्यता को एक बार फिर प्रमाणित किया है देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल के अनुभवी डॉक्टर पुनीश सदाना और डॉ प्रीति की एक दुर्लभ और जटिल सर्जरी की सफलता ने चलिए आपको पूरा केस समझाते है , दरअसल मैक्स हॉस्पिटल के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर पुनीश सदाना ने मीडिया को इस जटिल ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि टीम ने रोटा एब्लेशन और कोरोनरी लिथोट्रिप्सी के जॉइंट प्रोसेस का इस्तेमाल करते हुए 67 साल के बुजुर्ग को नया जीवन दिया गया है।
डॉक्टर सदाना ने पहले 67 साल के उस बुजुर्ग मरीज के मुश्किल केस को गंभीरता से स्टडी किया जो धूम्रपान से पीड़ित भी था। लिहाज़ा डॉक्टर्स की टीम ने इस मरीज़ की गंभीर हालत को समझते हुए ट्रीटमेंट शुरू किया। उत्तराखंड के इस अपने आप में पहले सफल केस की जानकारी देते हुए डॉ सदाना ने बताया कि यह मामला अल्ट्रा हाई प्रेशर बैलून या रोटेटरी ड्रिल जैसी मुश्किल ब्लॉकेज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अब तक की तकनीकी में एक बड़ी सफलता साबित हुई है। हांलाकि इनका इस्तेमाल बेहद मुश्किल है और धमनी के फटने के खतरा भी रहता है।
इस प्रक्रिया से कैल्शियम का जमाव कमज़ोर हो गया और वो टूट गया जिसके बाद बैलून को फैलने में आसानी हो गयी।इस पूरी जटिल प्रक्रिया के सफल संचालन के बाद इंस्टेंट को स्थापित करने में आसानी हो गयी और अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने इस बेहद कमजोर केस को आसान बनाते हुए मरीज़ को नई जिंदगी का तोहफा दिया है। इसके साथ ही आपको बता दें कि भारत में लांच की गयी आईवीएल तकनीक न केवल बड़े कैल्शियम बोझ के साथ कोरोनरी धमनियों में जटिल घावों को मैनेज करने में मदद करती है बल्कि उन लोगों के मन में एक उम्मीद जगाती है.
जो एडवांस कोरोनरी ऑर्टरी डिजीज से जूझ रहे हैं। न्यूज़ वायरस के कार्यकारी संपादक आशीष तिवारी से ख़ास बात करते हुए डॉकटर पुनीश सदाना ने जनता से अपील करते हुए कहा कि अक्सर मरीज़ बड़े ब्रांड या हॉस्पिटल में जाने से घबराता है उसके मन में बड़े और मंहगे खर्च का डर सही और सटीक इलाज़ से दूर रखता है लेकिन आज ऐसा नहीं है। मैक्स हॉस्पिटल समय समय पर न सिर्फ अलग अलग बिमारियों से जुड़े मुफ्त जागरूकता कैम्प लगाता है बल्कि बेहद सीमित शुल्क में अनुभवी डॉक्टरों द्वारा इलाज की सुविधा भी प्रदान कर रहा है।