दुनिया के तमाम विकसित और विकासशील देश दिन प्रतिदिन डिजिटल होते जा रहे हैं.किसी भी तरह की कोई भी जरूरत का समाधान फोन में मौजूद तमाम ऐप में सिमटा है… आज कहीं भी चलाए जाएं आपको इसी डिजिटल खाने के शौकीनों और निर्भर लोगों से मुलाकात हो ही जाएगी। लोग कब, क्या और कैसे खाते हैं ये जानना है तो ऑनलाइन फ़ूड डिलेवरी करने वालों से पूछ लीजिये … इस पर बारीकी से नजर दौड़ाएंगे तो पता चलेगा कि यह ‘मील डिलीवरी एप’ उच्च वसा, उच्च शर्करा और पेय पदार्थों के उपभोग से आज खतरनाक परिणाम दिखा रहा है।
अगर आप भी झटपट चटपटा और क्रिस्पी टेस्ट के लिए फूड डिलिवरी एप से खाना मंगाने के हैं शौकीन तो हो जाएं सावधान, क्योंकि जो खुलासे WHO ने किये हैं वो चौंकाने वाले है।
हिन्दुस्तान भी डिजिटल हो गया है आप और हम भी आरामतलब हो चुके हैं। लिहाज़ा शार्ट कट ही अपनाते हैं। बात खाने की करें तो आज मिनटों में आर्डर देकर आप थोड़ी देर में स्वादिस्ट खाने का लुत्फ़ ले लेते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं ये लज़ीज़ आर्डर कितना खतरनाक नतीजा दे रहा है।
आज दुनियाभर में मोटापा एक ऐसी समस्या बन कर उभर रहा है, जिसने सभी को चिंता में डाल दिया है… खास बात यह है कि इसके शिकार सबसे ज्यादा बच्चे हो रहे हैं… शारीरिक मेहनत का अभाव, बैठे-बैठे खाना, और जंक फूड के चलन ने मोटापे की समस्या में तेजी से इजाफा किया है. वहीं कोविड के बाद तो हाल बद से बदतर हो गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, यूरोप के करीब 60 फीसद वयस्क और एक तिहाई बच्चे ज्यादा वजन और मोटापे के शिकार हैं… यूरोप से आगे अमेरिका है, जहां मोटापा एक महामारी का रूप ले चुका है…
स्थिति पहले से ही बुरी है, ऐसे में फूड डिलीवरी एप की वजह से लगातार लोग मोटापे के शिकार हो रहे हैं… डब्लूएचओ की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप में होने वाली कुल मौतों के 13 फीसद के पीछे की एक बड़ी वजह मोटापा है… रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि यूरोप में सालाना कम से कम 2 लाख लोगों की मौत कैंसर से होती है और मोटापा इसका सबसे बड़ा कारण है…. तो अगली बार ऑनलाइन फ़ूड आर्डर करने से पहले अपनी सेहत के बारे में ज़रूर सोचियेगा क्योंकि जान है तो जहान है