न्यूज़ वायरस के लिए फ़िरोज़ आलम गाँधी की रिपोर्ट —
भारत में गर्मी हो या सर्दी नहाने की आदत सबकी होती है। महिलाओं की बात करें तो उन्हें तो बिना नहाये चैन ही नहीं मिलता है। लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि दुनिया की एक ऐसी भी सभ्यता है जहाँ महिलाओं को नहाने पर पाबंदी है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं अफ्रीका के नॉर्थ-वेस्ट नामीबिया के कुनैन प्रांत में रहने वाली हिम्बा जनजाति की महिलाएं की , जिन्हे जिंदगी में सिर्फ एक बार नहाने की इजाजत है। वो भी सिर्फ तब जब उनकी शादी होती है। उन्हें पानी का इस्तेमाल करना मना है। यहां तक कि वे कपड़े भी नहीं धो सकतीं। यहां की महिलाओं की त्वचा का रंग भी लाल होता है। इसके पीछे भी एक बड़ा कारण है।उमस भरी गर्मी के दौर में हिन्दुस्तान दिन में कई बार नहाता है। बाथरूम में देर तक शावर लेकर गर्मी और पसीना दूर करते हैं हम और आप लेकिन ये बात जानकर आपको बेहद ही अजीब लग रहा होगा और आप सोच रहे होंगे कि जब ये महिलाएं जिंदगी में सिर्फ एक बार नहाती हैं तो बेहद बदसूरत दिखती होंगी. तो आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि ये महिलाएं अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए ही जिंदगी में एक बार ही नहाती हैं.अपनी शादी में नहाती हैं ये महिलाएं
ये महिलाएं सिर्फ अपनी शादी में नहाती है और इससे पहले या इसके बाद वो पानी को हाथ तक नहीं लगाती है. दरअसल इन महिलाओ को पानी को हाथ लगाना भी मना है इसलिए ये महिलाए कपड़े तक नहीं धोती है. इन महिलाओ की तस्वीरें देखने पर आपको भी इनका रंग लाल लग रहा होगा लेकिन इसके पीछे भी एक वजह है. इस जनजाति की महिलाए भले ही कभी नहाती ना हो लेकिन ये एक जड़ीबूटी का इस्तेमाल करती है जिससे ये अपने शरीर को फ्रेश रखती है.
शरीर की बदबू दूर करने के लिए किया जाता है धुएं का इस्तेमाल
महिलाए इस जड़ी-बूटी को पानी में उबालकर उसके धुए को अपने शरीर पर लगाती है ताकि बिना नहाए उनके शरीर से बदबू ना आए. इतना ही नहीं अपने शरीर की चमड़ी को स्वस्थ रखने के लिए ये महिलाए जानवरो की चर्बी और हेमाटाइट (लोहे की तरह एक खनिज तत्व) की धूल से एक खास तरह का लोशन भी बनाती है और उसका इस्तेमाल करती है. हेमाटाइट के कारण ही इनके शरीर का रंग लाल हो जाता है. इन महिलाओं को रेड मैन भी कहा जाता है.