OTT की शुरुआत कैसे हुई और सिनेमा उद्योग पर कैसे असर डालकर ऑनलाइन नेटवर्क मज़बूत हुआ

रिसर्च टीम/अरशद मलिक.                                न्यूज़ वायरस नेटवर्क

OTT (Over-the-Top) प्लेटफ़ॉर्म्स की शुरुआत ने डिजिटल मनोरंजन और मीडिया इंडस्ट्री में क्रांति ला दी है। OTT का तात्पर्य उन प्लेटफ़ॉर्म्स से है जो इंटरनेट के माध्यम से वीडियो, फिल्में, टीवी शो और अन्य प्रकार का कंटेंट उपलब्ध कराते हैं, बिना किसी पारंपरिक केबल या सेटेलाइट टीवी सेवा के। इस बदलाव ने न केवल उपभोक्ताओं की आदतों को बदला है बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक असर डाला है।

OTT की शुरुआत और विकास

OTT प्लेटफ़ॉर्म्स की शुरुआत मुख्य रूप से 2000 के दशक के अंत और 2010 के दशक की शुरुआत में हुई। इंटरनेट की पहुँच बढ़ने और स्मार्टफोन्स की उपलब्धता में वृद्धि के साथ ही वीडियो स्ट्रीमिंग की मांग बढ़ी। Netflix, Amazon Prime Video, और Hulu जैसे पहले के प्रमुख OTT प्लेटफ़ॉर्म्स ने उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार के कंटेंट, जैसे फिल्में, वेब सीरीज, और डॉक्यूमेंटरी, सीधे उनके डिवाइस पर उपलब्ध कराने की शुरुआत की। इन प्लेटफ़ॉर्म्स ने पारंपरिक टीवी और केबल के मॉडल को चुनौती दी और लोगों को एक नया विकल्प दिया। OTT सेवाओं की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें उपयोगकर्ता अपनी पसंद के हिसाब से कंटेंट चुन सकते हैं, बिना किसी समय की पाबंदी के।

OTT का आर्थिकी पर प्रभाव

OTT प्लेटफ़ॉर्म्स का आर्थिकी पर कई स्तरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है:

1. रोज़गार के अवसर: OTT प्लेटफ़ॉर्म्स के उदय ने मनोरंजन और मीडिया इंडस्ट्री में नए रोज़गार अवसर पैदा किए हैं। कंटेंट निर्माण, प्रोडक्शन, निर्देशन, एडिटिंग, और डिजिटल मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में काम करने वालों की माँग बढ़ी है।

2. नई सामग्री और स्थानीय प्रतिभा: OTT प्लेटफ़ॉर्म्स ने न केवल अंतर्राष्ट्रीय कंटेंट को बढ़ावा दिया बल्कि स्थानीय कलाकारों, निर्देशकों, और कहानीकारों को भी विश्व स्तर पर अपने काम को प्रदर्शित करने का अवसर दिया। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिला है।

3. विज्ञापन राजस्व में वृद्धि: OTT प्लेटफ़ॉर्म्स पर विज्ञापन एक बड़ा राजस्व स्रोत है। कई प्लेटफ़ॉर्म्स विज्ञापन-सपोर्टेड मॉडल का उपयोग करते हैं, जिसमें वे उपयोगकर्ताओं को मुफ्त में कंटेंट प्रदान करते हैं और इसकी लागत विज्ञापन से प्राप्त करते हैं।

4. नई सदस्यता सेवाएँ और आर्थिक योगदान: उपभोक्ता अब केबल कनेक्शन की जगह OTT सदस्यता को प्राथमिकता दे रहे हैं। भारत में Hotstar, Sony Liv, Zee5 जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स ने प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह बनाई है और अपनी सेवाओं के लिए सदस्यता शुल्क का प्रावधान किया है।

5. ऑनलाइन पेमेंट उद्योग का विकास: OTT प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ, ऑनलाइन पेमेंट का चलन भी बढ़ा है। डिजिटलीकरण के इस दौर में ऑनलाइन पेमेंट और वॉलेट कंपनियों ने भी लाभ उठाया है।

OTT प्लेटफ़ॉर्म्स ने मनोरंजन के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया है और इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है। इन प्लेटफ़ॉर्म्स ने एक नये प्रकार के दर्शक वर्ग को जन्म दिया है, जो स्वतंत्रता के साथ कंटेंट का उपभोग करना चाहता है। आने वाले समय में, जैसे-जैसे इंटरनेट की पहुंच बढ़ेगी, OTT इंडस्ट्री का और विस्तार होगा, जिससे न केवल नए कंटेंट बल्कि आर्थिकी में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।

OTT प्लेटफ़ॉर्म्स के उदय से सिनेमा उद्योग पर कई महत्वपूर्ण और बहुआयामी प्रभाव पड़े हैं। यहां कुछ प्रमुख बदलावों का विवरण दिया गया है:

1. थिएटर व्यवसाय पर असर

OTT के आने से दर्शकों को घर पर ही नई फिल्में और शो देखने का विकल्प मिला है। महामारी के दौरान, जब थिएटर बंद थे, उस समय OTT प्लेटफ़ॉर्म्स का प्रभाव और भी बढ़ गया। इसके चलते अब दर्शक थिएटर में जाकर फिल्म देखने की बजाय घर पर ही देखना पसंद करते हैं, जिससे बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर असर पड़ा है।

2. सिनेमा रिलीज़ के नए विकल्प

पहले फिल्में थिएटर में रिलीज़ होने के बाद ही छोटे पर्दे पर आती थीं, लेकिन अब कई निर्माता अपनी फिल्मों को सीधे OTT पर रिलीज़ कर देते हैं। इससे फिल्म निर्माताओं को एक नया वितरित करने का माध्यम मिला है, जिसमें रिलीज का खर्च कम होता है और दर्शकों तक जल्दी पहुँच होती है।

3. छोटे बजट की फिल्मों को बढ़ावा

OTT प्लेटफ़ॉर्म्स पर बड़ी बजट की फिल्मों के साथ-साथ छोटे बजट की फिल्मों को भी दर्शक मिल रहे हैं। थिएटर में रिलीज़ करना छोटे बजट की फिल्मों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन OTT ने उन्हें एक नई पहचान दी है। कई स्वतंत्र फिल्में और डॉक्यूमेंट्री, जो पहले सीमित दर्शकों तक पहुँच पाती थीं, अब वैश्विक दर्शकों तक पहुँच पा रही हैं।

4. मूल और विविध कंटेंट का विस्तार

OTT ने दर्शकों की विविध पसंदों को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग प्रकार का कंटेंट बनाने की प्रेरणा दी है। इसमें विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और सामाजिक मुद्दों पर आधारित कहानियां शामिल हैं, जो मुख्यधारा की फिल्मों से अलग होती हैं। यह विविधता सिनेमा के माध्यम को और समृद्ध बना रही है।

5. राजस्व के नए स्रोत

OTT प्लेटफ़ॉर्म्स से फिल्म निर्माताओं को नए राजस्व स्रोत मिल गए हैं। कई प्लेटफ़ॉर्म्स सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल पर काम करते हैं, जिससे कंटेंट निर्माताओं को अच्छे रॉयल्टी मिलते हैं। इसके अतिरिक्त, अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए फिल्में और शो बेचना भी अब आसान हो गया है, जिससे सिनेमा उद्योग की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक असर पड़ा है।

6. कलाकारों और तकनीकी कर्मियों के लिए नए अवसर

OTT प्लेटफ़ॉर्म्स ने केवल बड़े स्टार्स पर निर्भरता को कम किया है और नए कलाकारों, तकनीशियनों, लेखकों, और निर्देशकों को अपना कौशल दिखाने का मौका दिया है। नए और छोटे कलाकारों को अब दर्शकों की व्यापक प्रशंसा मिल रही है, जिससे उनके करियर को भी मजबूती मिल रही है।

7. डिजिटल सिनेमैटोग्राफी और प्रोडक्शन में नवाचार

OTT के चलते कंटेंट की मांग बढ़ी है, जिसके कारण निर्माताओं को अलग-अलग फॉर्मेट और सिनेमैटिक तकनीकों के साथ प्रयोग करने का अवसर मिला है। डिजिटल सिनेमैटोग्राफी, वीएफएक्स, और एडिटिंग में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग अब आम हो गया है, जो OTT कंटेंट की गुणवत्ता को उच्च स्तर पर पहुँचाता है।

OTT प्लेटफ़ॉर्म्स ने सिनेमा उद्योग में एक नई क्रांति ला दी है, जिससे दर्शकों और निर्माताओं दोनों को लाभ हुआ है। हालांकि, थिएटर के अनुभव की अपनी जगह अब भी है, लेकिन OTT ने सिनेमा उद्योग को न केवल विस्तार दिया है बल्कि उसे नई दिशा भी प्रदान की है। इस बदलाव में डिजिटलाइजेशन की बढ़ती भूमिका और दर्शकों की बदलती आदतें महत्वपूर्ण रही हैं।

 

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