कैसे मिलता है पिस्तौल रखने का लाइसेंस

अमेरिका जैसे देशों में बंदूक का लाइसेंस रखने के लिए इतनी जद्दोजहद नहीं लगती जितनी की भारत में लगती है. भारत में बंदूक का या फिर किसी भी तरह का लाइसेंस लेने के लिए आपको एक कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. भारत में अगर कोई व्यक्ति हथियार रखने का लाइसेंस लेना चाहता है. तो उसे कड़े नियमों की प्रक्रिया के तहत गुजरना होगा. अगर आप बंदूक का लाइसेंस लेते हैं तो फिर आपको क्या मिलेगा. बंदूक, माउजर या फिर कुछ और चलिए जानते हैं.

लाइसेंस के आधार पर मिलते हैं हथियार

आपको लाइसेंस लेने से पहले यह समझना होगा कि आप किस हथियार के लिए लाइसेंस का आवेदन कर रहे हैं. आवेदन करने के लिए सभी राज्यों की अपनी प्रक्रिया है. ज्यादातर राज्यों में यह ऑनलाइन किया जाता है तो वहीं कई राज्यों में इसे ऑफलाइन भी भरा जा सकता है. आप जब हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन देते हैं तो आपको उसमें बताना होता है आप कौन सा हथियार ले रहे हैं. आपको सिर्फ वही हथियार दिया जाता है और उसी को रखने की परमिशन होती है. जैसे की पिस्टल, रिवाल्वर या फिर दुनाली और राइफल. आपको बता दें कि आप सिर्फ उन्हीं हथियारों को ले सकते हैं जिनकी इजाजत है. 38 बोर 9 एमएम और 303 जैसे हथियार नहीं लिए जा सकते.

यह लोग ले सकते हैं लाइसेंस

भारत में हथियार का लाइसेंस काफी मुश्किल काम होता है. इसके लिए सरकार द्वारा कुछ नियम कानून तय किए गए हैं. भारत के आर्म्स एक्ट 1959 के तहत कोई भी आत्मरक्षा के लिए प्रशासन से लाइसेंस ले सकता है. इसके बाद वह हथियार खरीद सकता है. लाइसेंस लेने के लिए आपकी उम्र 21 साल से ऊपर होनी चाहिए.

इन चीजों की करनी होती है पूर्ति

आप भारत के नागरिक होने चाहिए. आप पर कोई गंभीर आपराधिक मामला ना हो. आप शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हो. और आप पर किसी भी तरह की सरकारी लायबिलिटी ना हो. इन सब योग्यताओं को पूरा करने के बाद आपको जान का खतरा किस प्रकार से है यह कारण बताना होता है. फिर आपको लाइसेंस जारी कर दिया जाता है.

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