मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में महिला सशक्तिकरण से रोजगार कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल,केंद्रीय मत्स्य पालन डेयरी विकास राज्यमंत्री डॉ संजीव कुमार बालियान, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किया।

विविश्वविधालय परिसर में महिलाओं द्वारा बनाए गए मिलेट्स के प्रोडक्ट के साथ-साथ ऑर्गेनिक खेती की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका राज्यपाल द्वारा अवलोकन भी किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आई महिलाओं को राज्यपाल द्वारा संबोधित भी किया गया अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।

प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि 2023 इस साल को मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जाना है लेकिन यहां पर लगी प्रदर्शनी से पता लगा कि महिलाओं ने मिलेट्स के व्यंजन बनाने और बेचने भी शुरू कर दिए है आज महिलाओं ने एक दिशा बता दी है कि हम मिलेट्स पर काम करके आगे बढ़ सकते हैं। जिन महिलाओं ने यहां पर अपनी सफलता की कहानी सुनाई है उसे सुनकर अच्छा लगा और करीब 10 या 12 वर्षों से महिलाएं धीरे-धीरे घर से बाहर निकल कर कामयाब बन रही हैं।

पहले लोगों की सोच थी कि घर की महिलाएं बाहर काम करने नहीं जाएगी उन्हें समाज का डर था आज वही महिलाएं अपनी अपनी बेटियों के साथ बहू के साथ मिलकर काम कर रही हैं यही है महिला सशक्तिकरण आज महिलाओं का आर्थिक विकास ही नहीं सामाजिक विकास भी हो रहा हे। आज महिलाओं की सोच बदली है स्व सहायता समूह के माध्यम से आज महिलाएं बेटी और बेटों दोनों को स्कूलों में भेजकर पढ़ा रही हैं। आज लोग बेटियों को सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं और लड़कों को प्राइवेट स्कूलों में हाई पीस देकर पढ़ाते हैं जब मैं दीक्षांत समारोह में जाती हूं तो 80% लड़कियां गोल्ड मेडल लेकर जाती हैं और जिन्हें ने 40 हजार फीस देकर पढ़ाते हो ना यह बेटे 20% ही रहते हैं यह स्थिति है इसलिए मैं कहती हूं कि बेटी और बेटे में फर्क नही करें। उन्होंने आगे कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब से देश में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लागू की गई इससे पहले बेटियां गर्भ में ही मार दी जाती थी।  बता दें कि आज 28 तरह की प्रदर्शनी लगाई गई थीं जिसमे मिलेट्स से बनाए गए पकवान जैसे गोल गप्पे, पैन केक, टिक्की आदि शामिल थी। जो सेहत के लिए काफी फायदे मंद है। खास बात ये है कि इसको किसी भी उम्र का व्यक्ति खा सकता है और सेहत को कोई नुकसान नहीं होगा।

विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार पी.के सिंह ने बताया कि जितने भी की जीतने भी स्टॉल लगे थे उसकी तारीफ केवल महामहिम गवर्नर आनंदीबेन पटेल नहीं नहीं की बल्कि आसपास से आई गांव की महिलाओं ने भी की है। उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं ने स्टॉल लगाया था उन्होंने कहा कि अब तक कि हमारी सबसे ज्यादा बिक्री हुई है और केवल 3 घंटे में इतनी बिक्री हो पाई है। निदेशक प्रसार ने बताया कि आगे भी इस तरीके के महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे .

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