गुस्से में है देश और इम्तेहान होना है भारत सरकार के प्रतिकार का …. अभी पकिस्तान से हम उसकी हरकतों का हिसाब ले ही रहे थे कि अचानक कोरोना से पूरी दुनिया ही ठप पड गयी इसी बीच एक बार फिर ड्रैगन ने बुजदिल कारनामे से देश को चीन के खिलाफ लाकर खड़ा कर दिया है।

ये तो जगज़ाहिर है कि चीन के साथ लाइन ऑफ ऐक्चुल कंट्रोल पर भारत से जारी विवाद काफी पुराना है जिसको लेकर बीते कुछ दिनों से दोनो देशों में अघोषित युद्ध जैसी हालात बन गए हैं. इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों और सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ एक हाई लेवल बैठक की है जिसमें लद्दाख की मौजूदा सुरते हाल पर डिटेल्स में समीक्षा की गई। इस दौरान रक्षा मंत्री ने सेना को चीन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है।यहाँ आपको बता दें कि गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत हो गयी थी जिसके बाद सेना ने एलएसी पर तैनात कमांडरों को मौक़े पर ही हर ज़रूरी फ़ैसला लेने के लिए अब खुली छूट दे दी गई है….. यानी वो एक मारेंगे तो भारत दुगने मारेगा … नयी व्यवस्था के मुताबिक अब कमांडर हथियारों के इस्तेमाल पर लगी रोक से बंधे नहीं रहेंगे और हालात के हिसाब से फ़ैसला ले सकेंगे.

सूत्रों के मुताबिक सशस्त्र बलों को एलएसी पर चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से किए गए किसी भी आक्रामक व्यवहार से निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई। इसके अलावा बैठक में सुरक्षाबलों से थल,जल और नभ में चीन की हर हरकत पर पैनी नजर रखने के लिए कहा गया है. … मीडिया रिपोर्ट की माने तो चीन से ताज़ा सीमा विवाद की वजह से चौकसी बढ़ाने के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस यानी आइटीबीपी के 2,000 अतिरिक्त जवानों मतलब 20 कंपनियां को चीन से लगी सीमा पर तैनात किया जायेगा। देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात आइटीबीपी के जवानों को इसके लिए बुलाया जा रहा है। इनकी तैनाती लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेशों में करीब 180 सीमाई पोस्ट पर है। चीन सेना के अग्रिम मोर्चो पर हाई अलर्ट के साथ अपने लड़ाकू विमानों और हेलीकाप्टरों की तैनाती बढ़ा दी है। इसमें वायुसेना के सबसे आधुनिक लड़ाकू जेट सुखोई, जगुआर के साथ मिग विमान के साथ अपाचे और चिनूक हेलीकाप्टरों को भी लेह-लद्दाख के इलाकों में तैनाती बढ़ा दी है।वायुसेना ने चीन से लगी 3500 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा के सभी अग्रिम मोर्चे के एयरफोर्स बेस को हाई अलर्ट पर रखा है। लेह-लद्दाख व श्रीनगर के साथ हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के चीन से लगे सभी अग्रिम मोर्चो पर भी वायुसेना के लड़ाकू जेट व हेलीकाप्टर हाई अलर्ट मोड में हैं। उत्तराखंड की बात करें तो चमोली में भारत-चीन सीमा पर सेना अलर्ट हो गई है। उत्तराखंड में करीब 345 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा है।

उन इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती होने लगी है। चमोली जिला प्रशासन ने भारत-चीन सीमा से लगे बाड़ाहोती और माणापास में स्थानीय चरवाहों को बकरियों के चुगान की अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इन चरवाहों को क्षेत्र की दूसरी रक्षा पंक्ति माना जाता है।सेना सूत्रों के मुताबिक बॉर्डर पोस्ट पर सैनिकों की संख्या बढ़ाते हुए सैन्य अभ्यास भी किया जाएगा। चीन कई बार बाड़ाहोती और माणापास में घुसपैठ कर चुका है। इन जगहों पर दर्जनों फॉरवर्ड पोस्ट पर आईटीबीपी के जवान तैनात हैं। आईटीबीपी के जवान पहाड़ों पर पेट्रोलिंग करके चीन की हर हरकत पर नजर रखते हैं।माणा में सेना और आईटीबीपी की यूनिट तैनात है, जबकि माणा से आगे 40 से 50 किलोमीटर आईटीबीपी की फॉरवर्ड पोस्ट है।

बाड़ाहोती इलाके में अब तक 2014 में सीमा क्षेत्र के अंतिम चौकी रिमखिम के पास चीनी हेलिकॉप्टर काफी देर तक मंडराते रहे। 2015 में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर स्थानीय चरवाहों के सामान नष्ट कर दिए थे।2016 में सीमा के नजदीक इलाकों के निरीक्षण के दौरान चमोली जिला प्रशासन की टीम का चीनी सैनिकों से सामना हुआ था। 3 जून वर्ष 2017 को बाड़ाहोती में दो चीनी हेलीकॉप्टर 3 मिनट तक मंडराते रहे।25 जुलाई वर्ष 2017 को सीमा क्षेत्र में चीनी सेना के 200 जवान भारतीय सीमा में एक किलोमीटर अंदर तक घुस आए। 10 मार्च 2018 को बाड़ाहोती में चीनी सेना के तीन हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा में 4 किलोमीटर अंदर तक घुस आए। जुलाई 2018 में चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे, तब भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ा था।