चालू वित्त वर्ष में भारत-रूस के बीच हो चुका है 9 अरब डॉलर से ज्यादा का कारोबार
कुल कारोबार की बात करें तो भारत और रूस के बीच चालू वित्त वर्ष करीब 9 अरब डॉलर से ज्यादा का कारोबार हो चुका है, जो पिछले साल 8 अरब डॉलर के आसपास था. भारत और रूस के बीच सबसे ज्यादा हथियार, पेट्रोलियम उत्पादों, फर्टिलाइजर, दालें, दवा और वाहन आदि का कारोबार प्रमुखता से होता है. भारत ने 2020-21 में रूस से 8.5 अरब डॉलर का सामान आयात किया. जिसमें 4.5 अरब डॉलर का पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं. इस जंग का असर भारतीय किसानों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है… क्योंकि फर्टिलाइजर के लिए भी भारत रूस पर निर्भर है. भारत फर्टिलाइजर की लॉन्ग-टर्म सप्लाई के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहा है. 2020 में भारत ने रूस से 65 करोड़ डॉलर के फर्टिलाइजर का आयात किया था.
भारत से रूस भेजे गए 1685 करोड़ रुपए के कृषि उत्पाद
वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने रूस को 1685 करोड़ रुपए के कृषि उत्पादों का निर्यात किया, जिनमें चावल, अंगूर, ग्वारगम, बीफ और सब्जियां प्रमुख हैं. वहीं इस दौरान रूस से भारत ने 241 करोड़ रुपए के कृषि उत्पादों का आयात किया, जिसमें प्रमुख हिस्सा दालों का है.
सबसे ज्यादा खतरा तो आम जनता को है, क्योंकि जंग से पेट्रोल-डीजल पहले ही आसमान पर हैं और इनके और बढ़ने की पूरी संभावना बन गई है. भारत की ईंधन जरूरत का एक बड़ा हिस्सा रूस से भी आता है और साथ ही देश की तेल कंपनियों ने रूस के तेल और गैस क्षेत्रों में भारी निवेश किया हुआ है.
हथियारों के लिए रूस पर निर्भर है भारत
ONGC विदेश लिमिटेड इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, ऑयल इंडिया लिमिटेड और भारत पेट्रो रिसोर्सेज लिमिटेड ने रूस के तेल और गैस परियोजनाओं में कुल निवेश 13.6 अरब डॉलर है.इन दोनों देशों के बीच जो सबसे ज्यादा मजबूत कड़ी है, वह है रक्षा.
रक्षा क्षेत्र के लिए हथियार, उपकरण और टेक्नोलॉजी के लिए भारत काफी हद तक रूस पर निर्भर है. हाल ही में भारत ने रूस से 5.6 अरब डॉलर में एस-400 ट्रम्फ एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने का समझौता किया है, जो अभी पाइपलाइन में है.