झारखंड में उम्मीद से बड़ी निकली कल्पना सोरेन की उड़ान!

सरफराज सैफी

सीनियर टीवी न्यूज़ एंकर

हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा की 56 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी। वहीं आरजेडी को चार सीट तो सीपीआई (एमएल) को 2 सीट मिली। कांग्रेस ने 16 सीट जीती। जेएमएम को सबसे ज्यादा 34 सीट मिली। इसके अलावा बीजेपी को 21 और उसके सहयोगी आजसू, लोजपा, जेडीयू को एक-एक सीट मिली है।झारखंड में हेमंत सोरेन ही मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन कल्पना की ट्रेनिंग और रिजल्ट जिस तरह का रहा है, उससे कहा जा रहा है कि भविष्य के लिए जेएमएम ने सीएम का फ्रंटरनर तैयार कर लिया है।

जनवरी 2024 में हेमंत के जेल जाने के वक्त सोरेन परिवार के पास कोई भी सर्वमान्य चेहरा नहीं था। इसकी वजह से बाहर के चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन चुनाव से पहले चंपई पलटी मार गए।जेएमएम से जुड़े लोगों का कहना है कि अब किसी भी विपरित परिस्थिति में कमान संभालने के लिए कल्पना तैयार हो गई हैं। चार मार्च 2024 को गिरिडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस के अवसर पर मौके पर कल्पना सोरेन सक्रिय राजनीति में शामिल हो गईं।दरअसल मुश्किल समय से गुजर रही झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत में जितना अहम किरदार हेमंत सोरने का है उतना ही उनकी पत्नी कल्पना सोरने का भी रहा है। कल्पना सोरेन पार्टी में एक शक्तिशाली नेता के रूप में उभरी हैं, जिन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा में नई जान फूंक दी है।कल्पना सोरेन ने राजनीति में एंट्री ली तो सबसे पहले महिला आदिवासी वोटर्स को केंद्र में रखा। उन्होंने एक साल से भी कम समय में महिला आदिवासी वोटर्स के बीच पैठ बनाई और गेम चेंजर साबित हो गईं।

कल्पना सोरेन ने रैलियां कीं तो उसमें बड़ी संख्या में भीड़ जुटी और खासतौर पर आदिवासी महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा रही। कल्पना अपने भाषण की शुरुआत इस बात से करती देखी गईं कि झारखंड में कल्याणकारी योजनाओं को लागू किए जाने से पति को निशाना बनाया गया और जेल भेजा गया। उसके बाद वो भीड़ को झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की कई प्रमुख योजनाओं के बारे में बताती रहीं।पूरे झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों की तरफ से इनकी रैलियों की डिमांड सबसे ज्यादा देखी गई। कल्पना ने पूरे झारखंड में 100 से ज्यादा ताबड़तोड़ रैलियां की रैलियों में उमड़े लोगों को देखकर यहां तक कहा जाने लगा कि कल्पना सोरेन ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ लंबी लकीर खींच दी हैं। कई मौकों पर कल्पना भीड़ जुटाने में पति हेमंत सोरेन से भी आगे निकलती दिखीं। जहां एक तरफ

गांडेय विधानसभा सीट पर कल्पना की बड़ी जीत हुई तो वहीं दूसरी तरफ हेमंत सोरेन की सत्ता वापसी में बूस्टर का काम उन्होंने किया।फिलहाल अब झारखंड की नई सरकार का काउंट डाउन शुरू हो गया है। हेमंत सोरेन 28 नवंबर को चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले हैं। उन्होंने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया है,अब नए सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू कर दी गई है

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