क्या आप यकीन करेंगे कि बेहद मुश्किल समझा जाने वाला देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ धाम का सफर 7-8 घंटे के बजाए केवल 40 मिनट में तय हो जाएगा ? इतना ही नहीं योजना साकार होने के बाद हर उम्र के लोग आसानी से केदारपुरी के दर्शन कर सकेंगे.श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए केन्द्र सरकार ने यहां पर रोपवे निर्माण का फैसला किया है.उम्मीद है कि रोपवे निर्माण का काम सितंबर तक सौंप दिया जायेगा। अगले साल मार्च तक निर्माण काम शुरू होने की संभावना है.रोपवे निर्माण में 3 साल का समय लगने की संभावना जताई गयी है।
फिलहाल अभी की बात करें तो केदारनाथ जाने का दो ही साधन है , पहला पैदल 7-8 घंटे का सफर कर पहुंचा जा सकता है और दूसरा हेलीकॉप्टर सेवा है. हेलीकॉप्टर सेवा महंगी होने के साथ साथ अधिक मांग होने की वजह से असानी से उपल्ब्ध नहीं होता है. इस वजह से ज्यादा श्रद्धालु पैदल ही केदारनाथ पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय रोपवे निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसका निर्माण एनएचएआई की कंपनी एनएचएलएमएल कर रही है.
देश में पहली बार इस्तेमाल होगी विश्व की सबसे सुरक्षित तकनीक
इस रोपवे में देश में पहली बार विश्व की सबसे सुरक्षित तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. थ्री एस ट्राइकेबल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें केबल कार तीन तारों पर चलेगी. यह तकनीक विश्व में कुछ चुनिंदा जगह इस्तेमाल की गयी है.
एनएचएलएमएल के अधिकारी मीडिया को जानकारी देते हुए कहते हैं कि सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देशन में केदारनाथ रोपवे निर्माण की प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है. सितंबर तक काम अवार्ड कर दिया जाएगा. निर्माण करने वाले कंपनी को साइट बनाने में समय लगेगा. इस तरह संभावना है कि मार्च 2023 तक निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. पहाड़ी इलाका होने की वजह से निर्माण कार्य में समय लगेगा. तीन साल में रोपवे निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. इस तरह वर्ष 2026 से केदारनाथ रोपवे से पहुंचा जा सकेगा.तो आप भी तब तक कीजिये इस नए प्रोजेक्ट के साकार होने का इंतज़ार.