विशेष रिपोर्ट – अनीता तिवारी
हमने अपने परिजनों से बचपन में A से एप्पल B से बॉय रटते ही पाया है। आपने भी कुछ ऐसे ही शब्दकोश सीखे , पढ़े और सुने होंगे। लेकिन अब ये गुज़रे ज़माने की बात हो जाएगी। बदलते दौर में ये ट्रेंड अब नए कलेवर में जल्द पेश हो सकता है जब बच्चे अपने देश के नायकों के नाम रटते दिखाई देंगे। विश्व हिंदू परिषद भारतीय छात्रों को देश की सांस्कृतिक विरासत को सही ढंग से समझाने और हमारे महापुरुषों के बारे में उनको बताने के लिए एक नई पहल करते हुए अंग्रेजी वर्णमाला का भारतीयकरण कर दिया है। परिषद ने पूरी वर्णमाला को नए तरीके से सिखाने के लिए उसमें बदलाव करते हुए हर वर्ण के लिए भारतीय देवी-देवताओं और महापुरुषों के नाम रखे हैं। जैसे A से अंबेडकर, B से भगत सिंह, C से चाणक्य, D से दयानंद आदि। इसी तरह परिषद ने K से कलाम, X से लक्ष्मण, W से वाल्मीकि, Y से योगा और Z से झूलेलाल का नाम जोड़ा है। परिषद ने A-Z का नया चार्ट तैयार किया है। अब परिषद से जुड़े विद्यालयों में इसे पढ़ाया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद का अस्तित्व –
29 अगस्त 1964 को स्थापित विश्व हिंदू परिषद भारतीय संस्कृति और सभ्यता के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में लगी है।
राम जन्म भूमि आंदोलन से विश्व हिंदू परिषद का गहरा लगाव रहा है। इसके अलावा वह समय-समय पर भारतीय इतिहास, समाज और वैदिक परंपरा को प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न तरह के आयोजन करती रहती है। लिहाज़ा इस नयी विधा को लागू करवाने के लिए पूरा खाका तैयार किया गया है अब देखना ये होगा कि क्या इस पहल का राजनीतिकरण होगा या बिना किसी विवाद के ये संस्करण लागू हो जायेगा।