केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जिस योजना को हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी दिलाई, उत्तराखंड में उस योजना पर साल 2019 से ही काम जारी है. मामला किसानों को पारदर्शी ऋण सुविधा देने से जुड़ा है. जिसके लिए सहकारिता क्षेत्र में ऋण की सबसे छोटी इकाई PACS को ऑनलाइन किया जा रहा है. खास बात यह है कि राज्य में अब तक ऐसी 100 समितियां हैं, जिनको ऑनलाइन किया जा चुका है. इस तरह इस क्षेत्र में उत्तराखंड देश का अग्रणी राज्य बन गया है.’
कृषि सेक्टर में छोटे और सीमांत किसानों को मजबूत करने के लिए PACS (Primary Agricultural Credit Society) का एक बड़ा योगदान है. PACS यानी प्राथमिक कृषि ऋण समितियां, जो देशभर में ऋण के रूप में सबसे छोटी इकाइयां है और किसानों को इसके माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है. हालांकि, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के कार्य को पारदर्शी बनाए जाने की दिशा में अब प्रयास शुरू किए गए हैं.
यूं तो हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट इन समितियों को कंप्यूटरीकृत करने की मंजूरी दी है लेकिन उत्तराखंड ने साल 2019 में ही प्रदेश के सभी प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को कंप्यूटरीकृत करने का फैसला ले लिया था. अच्छी बात यह है कि अबतक प्रदेश में 100 PACS कंप्यूटर ठीक हो चुके हैं. सहकारिता सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम कहते हैं कि प्रदेश में कुल 675 PACS है, जहां कंप्यूटराइजेशन किया जाएगा.