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![टिहरी का कोटी कस्बा.](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2021/05/koti1.jpg?impolicy=website&width=459&height=306)
टिहरी का कोटी कस्बा.
उत्तराखंड में 15-16 मार्च 2020 को पहला कोरोना वायरस पॉज़िटिव केस पाया गया था, तबसे 14 महीनों के बाद एक छोटा सा कस्बा ऐसा है, जहां अब तक संक्रमण नहीं पहुंचा है. टिहरी के इस इलाके ने अपने दम पर कमाल कैसे किया? जानिए.
![uttarakhand town, uttarakhand news, corona in uttarakhand, corona guideline, उत्तराखंड न्यूज़, उत्तराखंड में कोरोना, कोरोना गाइडलाइन](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2021/05/koti.jpg)
कोटी में पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर लोगों ने नियम कायदे बनाए और पालन किया.
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टिहरी झील से सटे कोटी कस्बे में करीब 300 की आबादी है, जिसमें कई समुदायों और राज्यों के लोग शामिल हैं. ज़्यादातर लोग यहां टीएचडीसी में नौकरी करने के साथ ही व्यवसाय पर निर्भर करते हैं. पिछले साल कोविड संक्रमण शुरू होते ही यहां के लोगों ने पक्का इरादा किया कि वो सभी सावधानियां बरतेंगे और गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करेंगे. मास्क, सेनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेसिंग अपनाते हुए इन लोगों ने बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी. यही नहीं, इन लोगों ने आसपास के लोगों को भी जागरूक करने का काम किया. ये भी पढ़ें : अब सरयू नदी के किनारे मिलीं दर्जनों लाशें, पिथौरागढ़ के लोगों में दहशत ‘किसी को समझाने से पहले देना पड़ता है उदाहरण’ कोटी जागरूकता की अलख घरों से जगी, फिर व्यापार मंडल और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर लोगों ने गाइडलाइन को हर कीमत पर मानने का संकल्प लिया. इन दिनों भी कोटी के लोग अपने इलाके के साथ ही, आसपास के लोगों को गाइडलाइन समझा रहे हैं. महिलाओं की इसमें बड़ी भूमिका है और वो मास्क ठीक से पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग रखने के बारे में टोकती रहती हैं. ये लोग निजी संसाधनों से लगातार सेनेटाइजेशन करवा रहे हैं. सभी का कहना है कि पहले उन्हें खुद जागरूक दिखना पड़ेगा तभी और लोग उनकी बात मानेंगे.
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