देहरादून से केदारनाथ तक आफत बनी बारिश

उत्तराखंड में बुधवार को हुई 24 घंटे लगातार भारी बारिश के बाद पहाड़ के लेकर मैदान तक पानी पानी है। गढ़वाल, कुमाऊं में हर जगह भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है।राज्य की सभी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसके बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद टिहरी गढ़वाल के आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। यहां उन्होंने मौके पर जाकर निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया।इस दौरान उन्होंने लोगों से मिलकर उनका हालचाल जाना। आपदा प्रभावित लोगों को मुख्यमंत्री ने दिया हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। केदारनाथ धाम और आसपास हुई मूसलाधर बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित बुरी तरह प्रभावित हुआ है. केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सोनप्रयाग से भीमबली के बीच पैदल मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों की ओर से दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित रूप से निकाला जा रहा है. दरअसल केदारनाथ पैदल मार्ग भारी बारिश के चलते जगह-जगह वॉश आउट हो चुका है. केदारनाथ हाईवे का करीब 100 मीटर हिस्सा बांसबाड़ा में बह चुका है.

लिंचोली में फंसे तीर्थयात्रियों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू: केदारनाथ पैदल मार्ग पर के लिंचोली में फंसे यात्रियों का हेलीकाप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है. घनसाली क्षेत्र के घनसाली–केदारनाथ मोटरमार्ग पर मुयालगांव के समीप मोटर पुल के ध्वस्त होने के कारण, SDRF टीम द्वारा घनसाली के ग्रामीणों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक वैकल्पिक मार्ग तैयार किया गया है. SDRF टीम ने 100 से अधिक यात्रियों और ग्रामीणों को रोप की सहायता से रास्ता सुरक्षित पार कराया. इसके साथ ही, एक स्थानीय नागरिक, जिनका स्वास्थ्य अत्यधिक खराब थी, उन्हें स्ट्रेचर के माध्यम से लाया गया और एंबुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया.

बुधवार रात को हुई अत्यधिक बारिश से केदारघाटी के लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फट गया. इससे रामबाड़ा, भीमबली और लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया. मौके पर फंसे तीर्थ यात्रियों और मजदूरों को सुरक्षित निकाल दिया गया है. जिलाधिकारी सौरभ गहरवार आज स्वयं मौके पर पहुंचकर प्रभावित इलाके का जायजा ले रहे हैं. सीएम धामी भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं.

बुधवार रात्रि को केदारनाथ में हुई तेज बारिश से एनडीआरएफ व जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीमों द्वारा रेस्क्यू जारी है. अभी तक कोई भी मानवीय हानि की सूचना नहीं है. संभावित बारिश के दृष्टिगत सोनप्रयाग और गौरीकुंड में नदी किनारे होटल और लॉज खाली करवा दिए गए हैं. तेज बारिश के अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा पहले ही तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहरा दिया गया था. बीती रात को हुई भारी बारिश के कारण केदारनाथ के पैदल मार्ग पर कई जगहों पर गदेरे उफान पर आ गए थे. जिसको देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देशन में रेस्क्यू किया जा रहा है.

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