ब्यूरो रिपोर्ट
न्यूज़ वायरस नेटवर्क
मुजफ्फरनगर। क्षेत्रीय विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजबीर सिंह टीटू ने आज एक पत्रकार वार्ता में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का खुलासा किया। उन्होंने घोषणा की कि क्षेत्रीय विकास मंच अब एक राजनीतिक दल के रूप में कार्य करेगा और पश्चिम उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा, “यह पार्टी सभी धर्मों और जातियों को साथ लेकर क्षेत्र में विकास के मुद्दे को प्राथमिकता देगी।”राजबीर सिंह ने जोर देते हुए कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश का विभाजन नहीं होगा, पश्चिम उत्तर प्रदेश का समुचित विकास असंभव है। उन्होंने पश्चिम उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य के रूप में स्थापित करने की मांग की और नोएडा को इसकी राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, “यदि पश्चिम उत्तर प्रदेश एक अलग राज्य बनेगा, तो यहां विकास की गंगा बहेगी।”
स्थानीय न्याय व्यवस्था और विकास की मांग
राजबीर सिंह ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की एक अलग बेंच की स्थापना की मांग करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के लोगों को न्याय पाने में आसानी होगी। उन्होंने खतौली विधानसभा क्षेत्र में विकास की कमी पर दुख व्यक्त किया और बताया कि यहां आज तक कोई स्थानीय व्यक्ति विधायक नहीं बन पाया। उन्होंने कहा, “जो भी विधायक बना, वह बाहरी था और यहां की समस्याओं व भावनाओं को समझने में असफल रहा।”
खतौली के स्वर्णिम भविष्य का वादा
खतौली विधानसभा के पिछड़ेपन का जिक्र करते हुए राजबीर सिंह ने कहा, “यदि मुझे खतौली का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला, तो मैं इसे विकास के दृष्टिकोण से देश के मानचित्र पर लाने का हर संभव प्रयास करूंगा।”
राजनीतिक भागीदारी में बढ़ोतरी की बात
राजबीर सिंह ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में राजपूत समाज की मजबूत संख्या का हवाला देते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर, बागपत और बिजनौर जैसे जिलों में राजपूतों की बहुलता के बावजूद उनके समाज का कोई प्रभावशाली जनप्रतिनिधि नहीं है। उन्होंने इसे समाज का दुर्भाग्य बताते हुए कहा, “अब समय आ गया है कि हमारा समाज राजनीति में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करे।”
राजबीर सिंह की यह घोषणा न केवल उनके राजनीतिक कद को मजबूत करती है, बल्कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीतिक परिदृश्य को भी नई दिशा देने का संकेत देती है। अब देखना यह है कि उनके नेतृत्व में क्षेत्रीय विकास मंच कितना प्रभावशाली साबित होता है।