उत्तराखंड में लिपुलेख में चीन बॉर्डर तक सड़क का काम पूरा, अब आसान होगी कैलाश मानसरोवर की यात्रा 

उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के धारचूला  में स्थित उत्तर भारत को चीन  से जोड़ने के लिए बनाया गया गर्बाधार- लिपुलेख मार्ग का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है.वहीं, इस सड़क का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साल 2020 में किया था.बता दें कि चीन सीमा तक सड़क बनने से देश सामरिक रूप से मजबूत हुआ है.यहां से कैलाश मानसरोवर यात्रा भी सुगम होगी.ऐसे में भारतीय सेना और ITBP, SSB के जवान अग्रिम चौकियों तक वाहनों से पहुंच सकेंगे.
सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण  

आपको बता दें कि चीन सीमा तक बनी सड़क सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है.इसे नेपाल सीमा के बराबर से बनाया गया है.वहीं, त्रिकोणीय अंतरराष्ट्रीय सीमा की इस सड़क से क्षेत्र में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस  और एसएसबी को काफी सुविधा मिलेगी.ऐसे में जवानों की सीमा क्षेत्र तक आवागमन आसान होगी और साजो-सामान पहुंचाने में भी मदद मिलेगी.हालांकि, अभी तक यह काम घोड़े- खच्चरों से लिया जाता था. अंतिम सीमा क्षेत्र तक पहुंचने में धारचूला से चार दिन का समय लगता है, लेकिन सड़क बनने से एक दिन में चीन सीमा तक का सफर पूरा हो जाएगा.

सड़क निर्माण में हर साल मौसम बनता है बाधक

वहीं, उच्च हिमालयी क्षेत्र से होकर चीन सीमा के लिए बन रही सड़क का निर्माण आसान नहीं है.यहां का मौसम भी हर साल सड़क कटिंग के कार्य में बाधक बन जाता है.ऐसे में नवंबर से फरवरी तक यहां भारी हिमपात होता है, जिसके चलते दो से चार फुट तक हिमपात होने पर मजदूरों को नीचे लौटना पड़ता है इसके कारण लगभग तीन से चार महीने तक सड़क कटिंग का कार्य बंद करना पड़ता है..

सड़क निर्माण से पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा 

गौरतलब है कि चीन सीमा के लिए बन रही सड़क के मिलम तक पूरा होते ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. विश्व प्रसिद्ध मिलम ग्लेशियर के लिए हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक मुनस्यारी आते हैं. यहां से ट्रेकिंग करते हुए उन्हें मिलम पहुंचना होता है. ऐसे में सड़क बनने से ट्रेकरों के अलावा अन्य पर्यटक भी मिलम ग्लेशियर तक आसानी से पहुंच सकेंगे.

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