चार धाम में मंहगा हुआ दाना – पानी   – तीर्थ यात्रियों की बढ़ी परेशानी 

दुनिया भर से तीर्थ यात्रा के दौरान पुण्य कमाने के लिए यात्री दुर्गम और मुश्किल हालातों को भी पार करते हुए चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आ रहे हैं। लेकिन पुण्य कमाने की मंशा लेकर आने वाले इन्हें बुजुर्ग तीर्थयात्रियों से पहाड़ में दुकान चलाने वाले व्यापारी जमकर मुनाफा भी कमा रहे हैं।

यह कोई पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड के चार धाम यात्रा के दौरान सरकार ने सख्त आदेश दिया है कि अतिथियों को कोई समस्या ना हो और उनसे अतिरिक्त पैसा ना लिया जाए।  बावजूद इसके 2 साल कोरोना  में नुकसान झेलने वाले यह दुकानदार और स्थानीय व्यापारी मोटा मुनाफा कमाने में जुट गए हैं।

आमतौर पर ₹100 में पेट भर भोजन करने का बजट बनाकर आने वाले तीर्थ यात्रियों को ढाई सौ से ₹ 300 तक चुकाना पड़ रहा है  , तो वही बच्चों के लिए दूध , मैगी , बिस्कुट और अन्य खाद्य सामग्रियों के नाम पर भी दुकानदार कई गुना मुनाफा झटक रहे हैं।

चारधाम में भोजन की थाली पर जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। यहां श्रद्धालुओं से मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं। केदारनाथ में जहां चाय 30 रुपये और भोजन की थाली 300 रुपये की है तो वहीं बदरीनाथ में मैगी 50 रुपये की मिल रही है।

हालांकि, गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किमी पैदल चलकर घोड़े-खच्चरों के जरिए सामान पहुंचाया जाता है। राजधानी देहरादून में 10 रुपये की मैगी बनाने के बाद 30 रुपये की पड़ती है तो केदारनाथ में यही प्लेट 60 रुपये की पड़ रही है। चिप्स और बिस्कुट भी प्रिंट रेट से दोगुने में बेचे जा रहे हैं। भोजन की थाली  के दाम 300 रुपये हैं। सोनप्रयाग में पानी की बोतल के 25 रुपये लिए जा रहे हैं। बदरीनाथ में पानी की बोतल पर 10 रुपये अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं। चिप्स निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध है, लेकिन 10 रुपये की मैगी की कीमत 50 रुपये तक है।

होटल और धर्मशालाओं में भोजन की थाली 120 रुपये से 300 रुपये तक है। एक चाय की कीमत भी 15 रुपये है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में दस रुपये की एक मैगी 40 रुपये की पड़ रही है, लेकिन भोजन की बाकी सामग्री के दाम कम हैं। यमुनोत्री में भोजन की थाली 150 रुपये की है। इसके पड़ाव स्थल बड़कोट में यही थाली 100 रुपये की है। दोनों ही धामों में 20 रुपये की चाय मिल रही है।

पानी की बंद बोतल 40 रुपये की

केदारनाथ में पानी की बंद बोतल दोगुने दाम में मिल रही है। चारधाम के पड़ावों पर हालांकि इसकी कीमत 20 रुपये ही है। बदरीनाथ में 30 रुपये, जबकि गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में पानी की बोतल 20-20 रुपये में मिल रही है।

धाम तक दो सिलेंडर लाने में खर्च हो रहे 2350 रुपये

केदारनाथ में जीएमवीएन ने भोजन सामग्री के रेट निर्धारित किए हैं। श्रद्धालु यदि किसी होटल और धर्मशाला में ठहरे हों तो भी जीएमवीएन की कैंटीन में भोजन कर सकते हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक बताते हैं कि भोजन की थाली के 250 रुपये तय हैं, जबकि नाश्ता 150 रुपये में उपलब्ध है। चाय 30 रुपये और मैगी के दाम 50 रुपये हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि घोड़े के जरिए केदारनाथ तक दो सिलेंडर लाने में 2,350 रुपये लग रहे हैं।

ऐसे में बहुत जरूरी है कि राज्य सरकार समय-समय पर यात्रा मार्गों पर मौजूद दुकानों की जांच पड़ताल करें और वहां पर कीमत दर्शाते बोर्ड भी लगवाए , जिससे तीर्थ यात्रियों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों पर जरूरत के  सामान मिल सके।  लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि चारधाम यात्रा के दौरान पुण्य कमाने की मंशा लेकर आ रहे तीर्थयात्री से स्थानीय व्यापारी यूं ही मोटी रकम वसूल करते रहेंगे और लोगों का यात्रा बजट बर्बाद होता रहेगा।  इससे न सिर्फ लोग अपने मन में स्थानीय लोगों के लिए खट्टे अनुभव लेकर जाएंगे  , बल्कि राज्य सरकार और पर्यटन विभाग के प्रति भी आक्रोश साथ ले जायेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top