न्यूज़ वायरस के लिए महविश की रिपोर्ट —
जब किसी के हाथ-पैर खराब हो जाते हैं, तब डॉक्टर सर्जरी कर अंगों को शरीर से अलग कर देते हैं। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि मरीज की जान बचाने का यह तरीका नया नहीं है। इसका पहला मामला आज से 31 हजार साल पहले आया था। उस वक्त बॉर्नियो द्वीप पर एक सर्जन ने एक शिकारी बच्चे का पैर काटा था। यह रिपोर्ट नेचर जर्नल में प्रकाशित हुई है।
स्टोन एज में हुई थी घटना
रिसर्च के मुताबिक यह घटना पाषाण युग यानी स्टोन एज की है। उस समय यह सर्जरी बेहद खास थी। ऐसा लगता है कि बच्चे पर किसी जानवर ने हमला किया था या उसके साथ कोई हादसा हुआ था, जिसके बाद उसका पैर बारीकी से काटा गया। यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च एसोसिएट और बायो-आर्कियोलॉजिस्ट मेलांद्री वोक ने बताया कि सर्जरी के बाद बच्चा 6 से 9 साल तक जीवित रहा था। उसका घाव भर गया था और त्वचा सूख चुकी थी।
बच्चे ने लकड़ी को सहारा बनाया
वैज्ञानिकों की मानें तो पैर काटने के बाद वह बच्चा पहाड़ी इलाके में कई साल तक लकड़ी के सहारे चलता रहा। बच्चे ने इतनी खतरनाक सर्जरी झेल ली, यही बड़ी बात है। यह ऑपरेशन बताता है कि उस समय लोग अपने समुदाय का कितना ध्यान रखते थे। बता दें कि बॉर्नियो की सुनसान गुफा ‘लियांग तेबो’ में बच्चे का जो कंकाल मिला है, उसमें घुटने से नीचे का पैर नहीं है।
इसके पहले भी मिले सर्जरी के सबूत
इसके पहले भी सर्जरी के लिए हाथ और पैर काटने के सबूत मिले हैं, लेकिन ये केवल 7 हजार साल पुराने हैं। सर्जरी में एक बुजुर्ग का बायां हाथ काटकर अलग किया गया था। दोनों ही रिसर्च से साबित होता है कि सदियों पहले भी लोगों को हाथ-पैर के नर्वस सिस्टम, नसों और खून के बहाव आदि की जानकारी थी। साथ ही यह भी पता चलता है कि उस वक्त एशिया में एक्सपर्ट्स ने सर्जरी का यह तरीका खोज निकाला था।