देहरादून से कार्यकारी संपादक आशीष तिवारी की रिपोर्ट –सियासत में कब क्या नया रंग और नज़ारा दिखाई दे जाये कहा नहीं जा सकता है। कुर्सी भले ही अफसर की क्यों न हो लेकिन नेतागिरी का स्वाद जिसने चकने की चाह पाल ली हो उसको फिर चैन नहीं मिलता है। कुछ ऐसा ही होता दिखाई दे रहा है उत्तराखंड के फारेस्ट डिपार्टमेंट के एक बड़े अफसर के साथ नाम है IFS सनातन सोनकर
जानकारी के मुताबिक चुनावी अखाड़े में दो दो हाँथ करने के लिए वरिष्ठ आईएफएस अफसर ने अपनी सरकारी नौकरी को गुडबाय कर दिया है। आपको बता दें कि सीसीएफ सनातन सोनकर ने रिटायरमेंट से छह माह पहले ही वीआरएस ले लिया, ताकि वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकें। लंबे समय से जलागम में प्रतिनियुक्ति पर तैनात आईएफएस सनातन ने वन विभाग के सिस्टम को लेकर भी नाराजगी जताई है।सनातन सोनकर मूल रूप से यूपी के रहने वाले हैं और वर्तमान में देहरादून के वसंत विहार क्षेत्र में रहते हैं। वह हरिद्वार जिले से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। सनातन सोनकर ने कुछ समय पूर्व ही अपने वीआरएस को लेकर शासन को आवेदन भेजा था। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से नौकरी छोड़ने की बात कही थी। इस पर शासन ने उनके वीआरएस को मंजूरी दे दी। वे 31 अक्टूबर को रिटायर हो जाएंगे। वे करीब दो साल से जलागम में तैनात हैं।
सनातन ने मीडिया के ज़रिये अपने आने वाले फ्यूचर प्लान का खुलासा करते हुए बताया कि वह हरिद्वार से चुनाव की उन्होंने तैयारी कर ली है। उन्होंने बताया कि वे लंबे समय से राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष और स्थानीय लोगों की फसलों को जंगली जानवरों से नुकसान को रोकने के लिए ठोस योजना बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन विभाग में रहते ऐसा हो नहीं पाया, लिहाज़ा अपने मकसद और अभियान को तेज़ रफ़्तार देने के लिए वो सियासत के मैदान में उतरने जा रहे हैं। देखना होगा कि चुनावी मैदान में उनके हाँथ में झंडा किस पार्टी का होगा