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वहीं, भागीरथी नदी देवप्रयाग में खतरे के निशान से ऊपर चल रही है. (सांकेतिक फोटो)
अधिकारियों ने बताया कि नदी (River) के किनारे बसे गांवों के लोगों को जिला प्रशासन के आश्रय गृहों में और अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) में खासतौर पर इसके पहाड़ी क्षेत्रों में तीन दिन से हो रही बारिश (Rain) के कारण गंगा और भागीरथी नदी शनिवार को खतरे के निशान से ऊपर चलीं गईं, जिसे देखते हुए अधिकारियों ने चेतावनी जारी की और नदी किनारे बसे गांवों को खाली कराया जा रहा है. गंगा नदी हरिद्वार और ऋषिकेश दोनों स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर गई. वहीं, भागीरथी नदी देवप्रयाग में खतरे के निशान से ऊपर चल रही है. केन्द्रीय जल आयोग (CWC) की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार, हरिद्वार में गंगा 294.1 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से 0.10 मीटर ऊपर है. सीडब्ल्यूसी के अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि ऋषिकेश में गंगा नदी खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है. कुमार ने बताया कि त्रिवेणी घाट को शुक्रवार को खाली कराया गया था और वह पानी में डूब गया है. बेवसाइट के अनुसार देवप्रयाग में भागीरथी (Bhagirathi) 465.0 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से दो मीटर अधिक है,यहां जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों को जिला प्रशासन के आश्रय गृहों में तथा अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. गौरतलब है कि पिछले तीन दिन से राज्य के विभिन्न स्थानों पर बारिश हो रही है।.चमोली में 142, कर्णप्रयाग में 136, पौड़ी जिले के श्रीनगर में 128, रुद्र प्रयाग में 103.8 , जोशीमठ में 97.2 और ऋषिकेश में 53 मिलीमीटर बारिश हुई. बारिश के कारण भूस्खलन से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग और 84 मार्ग बंद हो गए हैं.
प्रबंधन विभाग ने वहां अलर्ट जारी कर दिया है
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि राज्य के तमाम पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण नदियों के उफनने से काफी मुश्किल स्थितियां बन गई हैं. ताज़ा खबर की मानें तो श्रीनगर और पौड़ी गढ़वाल के कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं. वास्तव में अलकनंदा नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ जाने से नदी कई स्थानों पर छलक उठी है और किनारों को तोड़कर बह रही है. अलकनंदा ने कई निचले इलाकों को डुबो दिया है, तो वहीं, ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाने से चिंता बढ़ चुकी है. स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने वहां अलर्ट जारी कर दिया है.
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