एक तरफ जहाँ यूपीसीएल ने फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट के नाम पर सात पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ा दिए थे तो दूसरी तरफ लोकसभा इलेक्शन के बाद बिजली बिल की दरों में सात प्रतिशत तक की वृद्धि की गई, जिस कारण बिजली उपभोक्ताओं के लिए यह दोहरा झटका साबित हुआ।
विद्युत नियामक आयोग ने प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर ऊर्जा निगम को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसी क्रम में ऊर्जा निगम ने आम बिजली उपभोक्ताओं से प्रीपेड मीटर लगाने के लिए विकल्प मांगे हैं। साल भर में उपभोक्ता सिर्फ एक बार ही सामान्य से प्रीपेड और प्रीपेड से सामान्य में अपना बिजली कनेक्शन बदलवा सकता है। प्रीपेड कनेक्शन लेने पर बिजली मूल्य के तुलना में सिक्योरिटी नहीं ली जाएगी, लेकिन मीटर की लागत और उपकरण सामग्री की सिक्योरिटी ली जाएगी और बीपीएल से ये सिक्योरिटी नहीं ली जाएगी। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ये छूट चार प्रतिशत और अन्य उपभोक्ताओं को तीन प्रतिशत छूट मिलेगी। अस्थाई कनेक्शन में किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी।
आयोग के निर्देशानुसार सभी उपभोक्ताओं से प्रीपेड मीटर के विकल्प मांगे गए हैं। प्रीपेड मीटर के अंतर्गत उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में छूट देने का भी प्रावधान है। प्रीपेड मीटर में न्यूनतम रिचार्ज 100 रुपये और अधिकतम रिचार्ज 15 हजार का किया जा सकेगा और उपभोक्ताओं को वोल्टेज रिबेट, सरचार्ज, पावर फैक्टर सरचार्ज, अधिक भार पर पेनल्टी नहीं लगाई जाएगी। प्रीपेड मीटर लेने से पहले यदि पिछले बकाया का भुगतान नहीं किया गया, तो 20 से 50 प्रतिशत तक का बकाया पैसा समायोजित होगा।