फिजिकली फिट न रहने, बहुत ज्यादा तनाव लेने और आराम न करने से हमारी बॉडी कई तरह की प्रॉब्लम्स का शिकार होते जाती है जिसमें से एक है फाइब्रोमायल्जिया। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को ये समस्या ज्यादा परेशान करती है। आज हम उसी के बारे में विस्तार से जानेंगे।
क्या है फाइब्रोमायल्जिया?
पूरे शरीर में, हड्डियों के साथ मांसपेशियों में दर्द रहना, सुबह के वक्त जोड़ों में अकड़न, नींद में कमी, मूड स्विंग और याददाश्त कम होने की समस्या अकसर परेशान कर रही है, तो यह फाइब्रोमायल्जिया हो सकता है। दर्द विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श, व्यायाम, बेहतर नींद, व्यवहार चिकित्सा और दवाओं के साथ बेहतर परिणाम पा सकते हैं। दर्द दो प्रकार के होते है- एक्यूट या तीव्र और क्रोनिक। एक्यूट जो चोट लगने या ऑपरेशन के बाद ज्यादातर होता है। क्रोनिक वह दर्द होता है जो 3 महीने से ज्यादा आपको परेशान कर रहा है। तो फाइब्रोमायल्जिया का दर्द भी क्रोनिक ही है।
फाइब्रोमायल्जिया के लक्षण
– थकान महसूस होना
– नींद सही तरीके से न होना, जिसकी वजह से दिनभर थकान का अनुभव होना।
– हमेशा दर्द का एहसास होना।
अन्य लक्षण
सिरदर्द, डिप्रेशन, पेट दर्द या ऐंठन की समस्या।
फाइब्रोमायल्जिया की वजहें
1. स्ट्रेस
तनाव का हमारी बॉडी पर बहुत ही निगेटिव प्रभाव पड़ता है। इससे हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं जो फाइब्रोमायल्जिया की एक वजह हो सकता है।
2. आनुवांशिक
अगर आपकी फैमिली में कोई इस समस्या से पीड़ित है या हो चुका है तो काफी हद तक संभावना है कि ये आपको भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि अभी पूरी तरह से ये साबित नहीं हुआ है।
3. चोट
फाइब्रोमायल्जिया के पीछे किसी तरह की शारीरिक या मानसिक चोट भी वजह हो सकती है।
बचाव एवं उपचार
इस परेशानी को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन हां लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलावों के जरिए इसकी गंभीरता को कम जरूर किया जा सकता है। जैसे-
– सबसे पहले तो व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
– व्यायाम की थकान अच्छी नींद दिलाने में मदद करेगी।