जिम करने के बाद मसल्स पेन क्यो होता है।

न्यूज़ वायरस के लिए फ़िरोज़ गाँधी की रिपोर्ट

सेहत की बात में आज आपको न्यूज़ वायरस बेहद ख़ास जानकारी दे रहा है। जिम हो या योग , या फिर कोई घरेलू वर्जिश , आपको इस प्रक्रिया के बाद थकावट तो ज़रूर होती होगी। बॉडी बिल्डिंग का कायदा ये कहता है कि दर्द की लंबाई धीरे धीरे कम हो जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा तो आपके खानपान में कोई कमी है। बॉडी बिल्डिंग में एक पार्ट को कम से कम 72 घंटे रेस्ट देने की सलाह दी जाती है।

जिम करने के बाद कई बार मसल्स का पेन दो तीन दिन तक बना रहता है। इसकी वजह जो आप जानते हैं वो नहीं है। अभी तक सभी यही समझते थे कि मसल्स में पेन की वजह होती है लेक्टिक एसिड, मगर ऐसा नहीं है। लेक्टिक एसिड बड़ी तेजी इकट्ठा होता है और बॉडी पार्ट के रिलैक्स होते ही बड़ी तेजी से फैल जाता है। कसरत करने के कई घंटे बाद या अगले दिन शुरू होने वाला दर्द दरअसल डीओएमएस (डिलेड ऑनसेट मसल् सोरनेस) है। यह कसरत करने के काफी देर बाद शुरू होने वाला दर्द है जो काफी देर तक टिका रहता है।

किसी बॉडी पार्ट के बहुत ज्यादा खिंचने या बहुत ज्यादा सिकुड़ने के चलते यह पैदा होता है। जब हम जमकर वर्कआउट करते हैं तो मसल्स में कई तरह की टूट फूट हो जाती है। यूं समझें कि यहां एक तरह की मारामारी मच जाती है। ऐसे में बॉडी के बाकी पार्ट से कई सेल्स और अन्य तत्व वहां मदद के लिए पहुंचते हैं।

बॉडी जब मरम्मत का काम करती है तो उसे काफी सारे लिक्विड की जरूरत भी पड़ती है। इसके चलते वो इलाका थोड़ा मोटा हो जाता है। हालांकि जो सेल्स यहां मदद के लिए पहुंचती हैं जरूरी नहीं कि वो वैसी ही हों जैसी कसरत करने के दौरान टूटी हैं, तो बॉडी उन्हें भी एडजस्ट करने की कोशिश कर रही होती है। कुल मिलाकर उस बॉडी पार्ट में सैकड़ों तरह की उठापटक शुरू हो जाती है। जब मरम्मत का काम शुरू होता है तो बॉडी चाहती है कि उसे परेशान न किया जाए। इसलिए उस पार्ट को हिलाने डुलाने या खींचने पर दर्द का अहसास होता है। ये सिग्नल होता है कि मरम्मत का काम चल रहा है असुविधा के लिए खेद है।

बॉडी बिल्डिंग का कायदा ये कहता है कि दर्द की लंबाई धीरे-धीरे कम हो जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा तो आपके खानपान में कोई कमी है। बॉडी बिल्डिंग में एक पार्ट को कम से कम 72 घंटे रेस्ट देने की सलाह दी जाती है।।

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