विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
उत्तराखंड की राजनीति में एक परंपरा चली आ रही है कि कभी कोई भी मुख्यमंत्री दोबारा चुनाव जीतकर अपनी पार्टी को सत्ता में लौटा नह पाया है भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में हर बार बदल बदल कर सरकारें बनती रही है। लेकिन कोई भी पार्टी और मुख्यमंत्री अपनी सरकार रिपीट नहीं कर पाया है। शायद यही वजह है कि इस बार युवा मुख्यमंत्री के तौर पर चंद दिनों की ताबड़तोड़ बैटिंग करने वाले सीएम पुष्कर सिंह धामी यह रिकॉर्ड अपने और अपनी सरकार के नाम करना चाहते हैं।2022 के रण में विजय पताका लहराने के लिए पुष्कर सिंह धामी ने मंदिरों और गुरुद्वारों के दर पर मत्था टेकना भी शुरू कर दिया है। यूं तो पुष्कर सिंह धामी सरकार को कामकाज करने और अपनी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए बहुत कम समय मिला लेकिन युवा सीएम धामी कहीं ना कहीं यह मानकर चल रहे हैं कि अगर उनके नेतृत्व में भाजपा 2022 के रण में चुनाव जीतकर सत्ता वापसी का रिकॉर्ड कायम करती है.
तो कहीं ना कहीं केंद्र के आलाकमान का आशीर्वाद उन्हें मिलेगा और एक बार फिर 5 साल के लिए उन्हें मुख्यमंत्री के जिम्मेदारी मिल सकती है। लेकिन यह दूर की कौड़ी है , चुनौतियां बड़ी है और उनके सामने इस बार परिस्थिति भी अलग है।
हरीश रावत भी जहां पूरे दमखम और उत्तराखंडियत के साथ 2022 के चुनाव में अपना आखिरी दांव खेलने के लिए तैयार हैं वही अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम भी उत्तराखंड में कमाल करने का दावा कर रही है। ऐसे में 2022 की चुनौती बीते चुनावों से कई मामलों में धामी सरकार के लिए अलग होगी। ये तो सब जानते हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शिव भक्त हैं.लिहाज़ा सोमवार की सुबह सीएम देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे और जलाभिषेक किया। ऐसे में राजनैतिक पंडित ये अंदाज़ा लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री धामी ने भगवान शिव से गामी चुनाव में खुद के लिए पार्टी की जीत की प्रार्थना की होगी। युवा और जुझारू माने जाने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में नए रिकॉर्ड को रचने के इरादे के साथ अब चुनावी समर में उत्तर चुके हैंजिसका आगाज़ उन्होंने मंदिर और गुरुद्वारे से की है। 2022 विधान सभा चुनाव की घोषणा के साथ ही अब तस्वीर साफ़ हो चुकी है कि वेलेंटाइन डे के दिन यानि 14 फरवरी को पहाड़ अपनी नै सरकार चुनने के लिए मतदान करेगा। अब देखना ये है कि युवा धामी की फील्डिंग उन्हें जीत दिलाती है या खांटी राजनैतिक दांव पेंच के माहिर बुजुर्ग हरदा की गणित जादुई बहुमत हासिल कर सत्ता तक पहुँचती है।