
जोसेफ आर बाइडेन ने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. वह अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शपथ लेने के बाद कहा कि हम अमेरिका को एकजुट करेंगे. यह लोकतंत्र का दिन है, यह अमेरिका का दिन है. यह उम्मीद, दोबारा खड़े होने और हर चुनौती से निपटने का दिन है. बाइडेन ने कहा कि अमेरिका में हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाएगी. अमेरिका विभाजनकारी, धार्मिक भेदभाव, नस्लवाद को खारिज कर अपना एकजुट चेहरा पेश करेगा.
पहले दिन ही किये कई अहम बड़े फैसले – एक नज़र में जानिए
- सबसे पहले बाइडेन ने कोरोनावायरस को लेकर ऑर्डर साइन किया। इसके तहत मास्क को फेडरल प्रॉपर्टी घोषित किया गया है, यानी हर व्यक्ति को महामारी के दौरान मास्क लगाना जरूरी होगा। अगर आप सरकारी बिल्डिंग में हैं, या कोरोना हेल्थवर्कर हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी होगा। ट्रम्प ने मास्क को लेकर कोई सख्ती नहीं की थी।
- 7 मुस्लिम देशों- इराक, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन पर लगा ट्रैवल बैन हटा दिया। ट्रम्प ने 2017 में यह बैन अपने कार्यकाल के पहले हफ्ते लगाया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था, जिसे 2018 में कोर्ट ने बरकरार रखा था।
- अब अमेरिका फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का सदस्य होगा। बाइडेन ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि अगर अमेरिका ग्लोबल हेल्थ को मजबूत करेगा तो वह खुद भी सुरक्षित रहेगा। राष्ट्रपति बनने के पहले दिन ही अमेरिका की WHO में वापसी कराऊंगा। ट्रम्प ने पिछले साल अमेरिका को WHO से हटाने का फैसला किया था।
- अमेरिका अब पेरिस समझौते में भी दोबारा शामिल होगा। ट्रम्प ने 2019 में इस समझौते से बाहर जाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत, चीन और रूस धड़ल्ले से प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। वहीं, अमेरिका इस मामले में बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा था कि इस समझौते से बाहर होने के बाद अमेरिका 70 सालों में पहली बार तेल और प्राकृतिक गैस का नंबर एक उत्पादक बन गया है।
- बाइडेन ने मैक्सिको बॉर्डर की फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। ट्रम्प ने मैक्सिको से आने वाले प्रवासियों को देखते हुए दीवार बनाए जाने को नेशनल इमरजेंसी बताया था।
- अमेरिका ने कनाडा के साथ विवादित कीस्टोन XL पाइपलाइन समझौते पर फिलहाल रोक लगा दी है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बाइडेन के फैसले पर निराशा जताई है। ट्रम्प ने 2019 में कनाडा के साथ 1900 किमी लंबी तेल पाइपलाइन बनाने का करार किया था। बराक ओबामा प्रशासन ने भी पर्यावरण समूहों के विरोध को देखते हुए इस पाइपलाइन के निर्माण पर बैन लगा दिया था। पर्यावरण समूहों का आरोप था कि पाइपलाइन के चलते क्रूड ऑयल निकालने के चलते कारण ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन 17% ज्यादा होगा।
……………… उत्तराखंड से अभिलाष खंडूड़ी की रिपोर्ट