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रेलवे भर्ती परीक्षा नतीजों का कोई राज्यो में विरोध इलाहाबाद लॉज मैं घुसकर छात्रों को पीटा

विशेष रिपोर्ट – प्रियांशु द्विवेदी

उत्तर प्रदेश और बिहार में रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया। यूपी के इलाहाबाद में कई दिनों से ऑनलाइन विरोध कर रहे छात्र समूह मंगलवार को सड़कों पर उतर आए, और ट्रेन रोककर अपना विरोध दर्ज करवाने का प्रयास किया।  इस बीच प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करती हुई पुलिस उनके लॉज तक पहुंची और वहां जाकर छात्रों को पीटा….. आरआरबी परीक्षा परिणाम में अनियमितता का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी मंगलवार को दिन में करीब एक बजे अचानक सैकड़ों प्रतियोगी छात्र इलाहाबाद के छोटा बघाड़ा में इकठ्ठा हुए, जहां से एक जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए वे प्रयाग रेलवे स्टेशन पहुंचे और ट्रैक पर कानपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के इंजन के सामने बैठ गए।

यहां जीआरपी ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुए. कुछ देर में कई थानों की फोर्स वहां पहुंची और छात्रों पर लाठीचार्ज किया। कुछ छात्रों ने भी पुलिस पर ट्रैक से उठाकर पत्थर फेंके। इसके बाद पुलिस के दौड़ा-दौड़कर लाठियां बरसाने पर कई प्रदर्शनकारी छात्र भागकर आसपास की लॉज और छात्रावासों में छिप गए।

इसके बाद पुलिस भी लॉज में पहुंची और कुछ लॉज में कमरों के दरवाजे तोड़ते हुए छात्रों को बाहर निकालकर उन्हें पीटा। कई छात्र मंचो और संगठनों की तरफ से इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी गई है। वहीं, विपक्षी दलों ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

अब इस मुद्दे को अन्य विपक्षी दाल कितना राजनीतिकरण कर पाएंगे ये तो नतीजे ही बताएँगे।  क्यों हो रहा है विरोध
बीते 14 जनवरी को आरआरबी-एनटीपीसी के नतीजे आए थे, जिसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ा है. तबसे छात्र सोशल मीडिया पर इसे लेकर रोष जाहिर कर रहे थे… प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था.उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण में कहा था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था.

सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी। छात्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने अपने नोटिफिकेशन में सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) प्रथम परीक्षा में 20 प्रतिशत उम्मीदवारों के चयन की बात कही थी, हालांकि जब परिणाम आया तब बोर्ड ने केवल पांच प्रतिशत का ही चयन किया.छात्रों का यह भी कहना है कि रेलवे बोर्ड मनमानी कर रहा है. इस परीक्षा में जिन छात्रों ने दो पदों के लिए क्वालीफाई किया है, जब वे एक ही पद चुनेंगे तो दूसरा खाली रहेगा. ऐसे में अगर अधिक संख्या में और नोटिफिकेशन के अनुरूप छात्रों का चयन करे, तब सभी पद भी भर सकेंगे और अधिक छात्रों को नौकरी भी मिल जाएगी.

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