मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्योग विभाग द्वारा आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर वाणिज्य उत्सव की शुरुआत की और स्टॉलों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, ऐसे समय में वाणिज्य सप्ताह का आयोजन किया जाना सराहनीय है। वाणिज्य उत्सव का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना एवं विशेष रूप से भारत से निर्यात को बढ़ावा देना है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों व ट्रांसपोर्ट की अनेक बाधाओं के बावजूद उत्तराखंड राज्य साल दर साल निर्यात के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स में उत्तराखंड राज्य को हिमालयी राज्यों की श्रेणी में प्रथम स्थान मिला है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पिछले पांच सालों में ही उत्तराखंड ने निर्यात के मामले में करीब दोगुना से अधिक की बढ़त हासिल की है। वर्ष 2017-18 में उत्तराखंड से 10,836 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ, वहीं 2020-21 में यह बढ़कर 15,914 करोड़ रुपये पहुंच गया है। राज्य में आटोमोबाइल व फार्मा इकाइयां सबसे बड़े निर्यातक क्षेत्र के रूप में उभरे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड से पुष्प उत्पादन, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, जैविक उत्पाद, सगंध-औषधीय पौधे, जैव प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प की वस्तुओं का निर्यात विदेशों में होता है। राज्य में निर्यात क्षमता और राज्य से निर्यात योग्य उत्पादों एवं सेवाओं को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने के लिए भारत को एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति के रूप में प्रतिस्थापित करने के लिए वाणिज्य उत्सव का आयोजन मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड उत्तर भारत में अपनी प्रगतिशील नीतिगत ढांचे, गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति की उपलब्धता तथा अच्छी कानून व्यवस्था के कारण एक पसंदीदा निवेश गन्तव्य बन गया है।
मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का राज्य के जीएसडीपी में 36 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। सरकार अपनी अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के योगदान को सुधारने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया गया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग डीपीआईआईटी द्वारा आयोजित बिजनेस रिफॉर्म एक्शन पॉइंट रैंकिंग में उत्तराखंड शीर्ष राज्यों में से एक है। राज्य की निवेश संवर्धन एजेंसी को इन्वेस्ट इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता घोषित किया गया है। हरिद्वार में इनलैंड कनटेनर डिपो (आईसीडी) की स्थापना के लिए प्रयास किये जा रहे है।
राज्य ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख क्षेत्रों कृषि, स्वास्थ्य और आयुष, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल एवं एलाइड, पर्यटन और आतिथ्य, हथकरघा और हस्तशिल्प, शैक्षिक सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी पहचान की है। हमारा लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं के निर्यात के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करना है।