डेंगू बुखार से बचना है आसान,रहें सावधान -डाॅ नारायन जीत सिंह

देहरादून : बढ़ती गर्मी के बाद बारिश जहां आपको राहत देने वाली है वहीं पर ये मौसम बीमारियों को दावत भी देता है। बारिश के मौसम में खास तौर पर मच्छर जनित बीमारियां अधिकतर फैलते हैं जिसमें सबसे प्रमुख रोग डेंगू का बुखार है। डेंगू को लेकर उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है जिसके साथ ही राज्य में स्वास्थ्य से जुड़ी सभी एजेंसियां सचेत हो गई हैं। डेंगू के बुखार के बारे में जानकारी और बचाव के लिए न्यूज़ वायरस नेटवर्क ने महंत इंद्रेश अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और विभाग अध्यक्ष डॉक्टर नारायण जीत सिंह से विस्तार से बातचीत की।डॉ नारायन जीत सिंह से डेंगू बुखार बातचीत के प्रमुख अंश

डेंगू बुखार होने का कारण

डॉ नारायन जीत सिंह ने बताया कि यह एक संचारी रोग है और बारिश के दिनों में इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है उन्होंने बताया कि सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डेंगू संक्रमण दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में होने वाली एक आम समस्या है और लगभग 3 बिलियन लोग डेंगू से प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य भाग, चीन, अफ्रीका, ताइवान और मैक्सिको शामिल हैं।डेंगू (Dengue) एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या बीमारी जो कि स्वस्थ मनुष्य को संक्रमित मच्छर के काटने से होती है ।

डॉक्टर ने बताया कि डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं – डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है और डेंगू की बीमारी तब फैलती है जब यही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और इसका वायरस व्यक्ति के खून के बहाव के जरिये फैलता है।

उन्होंने कहा कि एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से ठीक हो जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित हो जाते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है और इसकी संभावना अधिक बढ़ जाती है

डेंगू बुखार के लक्षण

डेंगू के कारण
डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं – डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है।

एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

डेंगू के लक्षण

आमतौर पर डेंगू बुखार के शुरुआती लक्षणों में पहले बुखार आता है।युवाओं और बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं हो पाती है जिसके लिए खून की जांच आवश्यक हो जाती है। आमतौर पर डेंगू बुखार में यह प्रमुख लक्षण देखने को मिलते हैं।

सिर दर्द,मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द,जी मिचलाना,उल्टी महसूसहोना या आना,आंखों के पीछे दर्द,
ग्रंथियों में सूजन त्वचा पर लाल चकत्ते उभर आना विशेष पहचान है।

*डेंगू में प्रमुखतया
तीन प्रकार के बुखार पाये जाते हैं, जिनसे व्यक्ति को खतरा हो सकता है, हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम।हल्का डेंगू बुखार – इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर समस्या देखने को मिलती है
डेंगू रक्तस्रावी बुखार – लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं।
डेंगू शॉक सिंड्रोम – यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यहां तक कि यह मौत का कारण भी बन सकता है।

*डेंगू बुखार का उपचार*

डॉ नारायण जीत सिंह ने कहा कि सबसे पहले तो डेंगू बुखार को ना पनपने दिया जाए जिससे कि रोग उत्पन्न होगा ही नहीं इसके लिए हमें मच्छरों से सावधान रहने की जरूरत है

डेंगू बुखार का कोई खास इलाज नहीं है, क्योंकि डेंगू एक वायरस है। समय रहते अगर रोगी की देखभाल कर ली जाए तो काफी मदद मिलती है। जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कितनी गंभीर है। डेंगू बुखार के कुछ बुनियादी उपचार निम्नलिखित हैं :

औषधि : पैरासिटामोल जैसी दवाएं आमतौर पर रोगियों को दी जाती हैं। गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में कभी-कभी आईवी ड्रिप्स प्रदान की जाती हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि मरीज हाइड्रेटेड रहें यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे शरीर के अधिकांश तरल पदार्थों का उल्टी और तेज बुखार के कारण कमी हो जातीहै। लिक्विड डाइट के लगातार सेवन से यह सुनिश्चित हो जाता है कि शरीर आसानी से डिहाइड्रेट नहीं होगा।

*डेंगू मलेरिया या मच्छर जनित बीमारी से बचाव*

अपने घर और आसपास कभी भी कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें क्योंकि इसी पानी में मच्छर पनपता है और इसी मच्छर से आप डेंगू मलेरिया जैसी घातक बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं।

*अपना इलाज स्वयं ना करें मेडिकल स्टोर से बगैर डॉक्टरी सलाह के दवा ना लें*

बारिश के दिनों में बुखार और शरीर में दर्द होने के संकेत पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें यदि आप डेंगू से पीड़ित है तो आपका डॉक्टर आपको खूब तरल पदार्थ पीने और आराम करने की सलाह देगा। इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका रोकथाम है।

त्वचा और शरीर के हिस्सों को खुला न छोड़ें: अपनी त्वचा को ढकने और मच्छर के दंश की संभावना को कम करने के लिए लंबी पैंट और पूरी आस्तीन की शर्ट पहने, बच्चों का विशेष तौर पर खेलते वक्त ध्यान रखें उन्हें पूरे कपड़े पहनाएं।

डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अधिक सक्रिय होता हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचना चाहिए। घर के खिड़की दरवाजों पर जाली का प्रयोग करें घर में मच्छर आने की संभावना को खत्म करें आवश्यकता पड़ने पर रात में मच्छरदानी का प्रयोग करें। बिस्तर पर सोते वक्त हल्के रंग के कपड़े पहने और हल्के रंग की बेडशीट और चादर का उपयोग करें क्योंकि मच्छर हल्के रंगों की तरफ जल्दी आकर्षित नहीं होते हैं और आपका बचाव होता है।

*घर और आसपास पानी जमा ना होने दें*

एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है। पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें। मच्छरों के लिए एक प्रजनन आधार विकसित करने की संभावनाओं को कम करने के लिए ऐसे किसी भी बर्तन या सामान को उल्टा करके रखें, जिसमें पानी इकट्ठा हो सकता हैं बारिश के दिनों में खास तौर से साफ सफाई का ध्यान रखें।

अगर आप डेंगू बुखार से पीड़ित हैं और दवा ले रहे हैं तो आपको अपनी डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए, जो कि प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में आपकी मदद करता

*लिक्विड डाइट पर जोर*

डेंगू बुखार में बहुत सारे तरल पदार्थ लेना या पानी पीना फायदेमंद होता है। सूप, नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ आदि प्लेटलेट्स काउंट में सुधार के लिए फायदेमंद होते हैं। यह डिहाइड्रेट होने से बचाते हैं और इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस रखते हैं साथ ही बॉडी को डिटॉक्सिफाई करते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।

*डेंगू बुखार में ये फल लाभकारी*

जामुन, नाशपाती, बेर, आडू, पपीता, सेब और अनार जैसे मौसमी फल को डाइट में शामिल करने से बहुत फायदा मिलता है। इनमें विटामिन ए, विटामिन सी, और एंटीऑक्सीडेंट के साथ फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पाचन का सुधार करते हैं। इससे आपा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

*डेंगू बुखार में ये सब्जियां लाभकारी*

डेंगू बुखार से ग्रसित मरीजों के लिए विभिन्न प्रकार की मौसमी सब्जियां प्लेटलेट्स बढ़ाने और तेजी से ठीक होने में मदद करती हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन ए, विटामिन सी के साथ-साथ जिंक, मैग्नीशियम और अन्य मिनरल्स व एंटीऑक्सीडेंट शरीर को प्रतिरक्षा प्रदान करते हैं।

अंत में डॉक्टर नारायन जीत सिंह ने कहा कि मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए वर्ल्ड मॉसक्यूटो प्रोग्राम में शोधकर्ता लगातार काम कर रहे हैं निकट भविष्य में हमें इसके बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है।

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