लेह में जान गंवाने वाले जेसीओ धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो रो पड़े अपने और पराये

न्यूज़ वायरस के लिए फ़िरोज़ आलम गाँधी की रिपोर्ट

जनपद के लालकुआं नगर वार्ड नंबर 2 गांधी नगर के रहने वाले भारतीय सेना में जेसीओ धर्मेंद्र गंगवार का पार्थिव शरीर उनके आवास पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया. भीड़ ग़मगीन थी और लोग अपने सैनिक को करीब से छूने और देखने के लिए उमड़ रहे थे। आपको बता दें कि 4 दिन बाद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर उसके आवास पर लाया जहाँ बेटे के पार्थिव शरीर को देखते ही मां और बहन बेहोश हो गईं. सेना के जवान सैनिक सम्मान के साथ धर्मेंद्र के पार्थिव शरीर को लेकर उनके आवास पर पहुंचे. सेना के जवान धर्मेंद्र का शुक्रवार रात लेह में ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से निधन हो गया था.लालकुआं वार्ड नंबर 2 निवासी सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल से सेवानिवृत्त रामपाल गंगवार के पुत्र धर्मेंद्र गंगवार एएमई विभाग भारतीय सेना में जेसीओ पद पर सेवारत थे. बीती शुक्रवार जवान धर्मेंद्र गंगवार का हृदय गति रुकने से देहांत हो गया था. उनका पार्थिव शरीर चंडीगढ़ से सड़क मार्ग के रास्ते लालकुआं लाया गया. 36 वर्षीय धर्मेंद्र गंगवार के दो बच्चे हैं. बड़ा 11 वर्षीय बेटा आर्य और छोटा 7 वर्षीय युग है. धर्मेंद्र गंगवार की पत्नी मीरा गंगवार का रो रो कर बुरा हाल है. वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने धर्मेंद्र के घर पहुंचकर शोक व्यक्त किया है.वर्ष 2003 मई में धर्मेंद्र हल्द्वानी एएमई कोर सेंटर से भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. वर्तमान में वो जेसीओ के पद पर सेवारत थे. धर्मेंद्र गंगवार की वर्तमान पोस्टिंग लेह में थी. जवान धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर उसके आवास लाया गया तो उस दौरान भारत माता की जय के नारों से आसमान गूंज उठा. लोग धर्मेंद्र तेरा यह बलिदान याद करेगा हिंदुस्तान के नारे भी लगा रहे थे. वहीं आसपास के लोग अपने घरों की छतों से धर्मेंद्र गंगवार के पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा कर उनको श्रद्धांजलि दे रहे थे.यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री भी देवभूमि को सैन्यधाम कहते हुए नमन करते हैं क्योंकि इस धरती पर वीर जवानों की कुर्बानियों पर आँखों में आंसू होते हुए भी फूल बरसाए जाते हैं।

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