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उन्होंने बताया कि राज्य में दैवीय आपदा की संभावनाएं हर समय बनी रहती हैं. जिसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य में एक मजबूत आपदा प्रबंधन तंत्र की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर सबसे पहले आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास का विभागीय ढांचा तैयार किया जायेगा, जिसे कैबिनेट में लाने के निर्देश शासन के अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर के साथ ही जिला और ब्लॉक स्तर पर भी आपदा प्रबंधन विभाग का मजबूत ढांचा स्थापित किया जाएगा.
विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य में आपदा के दौरान जानमाल के जोखिम को कम करने लिए अधिकारियों को जिला स्तर पर IRS-DSS सिस्टम लागू किये जाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके जरिये आपदा के समय सूचनाओं का आदान-प्रदान और मॉनिटरिंग आसानी से की जा सकेगी. जिसका फायदा विशेष कर अति संवेदनशील क्षेत्रों के लोगो को मिलेगा और उन्हें आपदा से पूर्व अलर्ट किया जा सकेगा. साथ ही आपदा के बाद आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थित का आंकलन कर कम समय मे मॉनिटरिंग की जा सकेगी.
बैठक में डॉ रावत ने सुरखण्डा में स्थापित किये जा रहे डाप्लर राडार स्टेशन का बेस बन कर तैयार हो चुका हैं, जहां पर उपकरणों को हेलीकॉप्टर के जरिये पहुंचने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि डाप्लर राडार स्टेशन स्थापित हो जाने से राज्य को मौसम सम्बंधी सूचनाएं जल्द मिल सकेंगी.सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास एस. ए. मुरुगेशन ने बताया कि राज्य में आपदा को देखते हुए जल्द रेखीय विभागों यथा एनएच, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, दूर संचार, जल संस्थान, जल निगम एवं विद्धुत विभाग के विभागाध्यक्षों की बैठक कर राज्य और जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियक्ति की जाएगी.
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