30 करोड़ स्टूडेंट्सके लिए आपर कार्ड बनवाना अनिवार्य
देशभर के स्टूडेंट्स के लिए आधार कार्ड की तरह ‘अपार’ कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा, जो स्टूडेंट्स की पहचान होगी। यह आधार की तरह ही 12 डिजिट वाला नंबर होगा, जो एडमिशन लेते ही जारी हो जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, देशभर में करीब 30 करोड़ स्टूडेंट्स के लिए यह कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा। एक करोड़ से ज्यादा स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। बाकी स्टूडेंट्स भी रजिस्ट्रेशन करा लें। इस कार्ड से आधार कार्ड की तरह बच्चे की एजुकेशन और करियर से जुड़ी जानकारियां अटैच होंगी।
अपार कार्ड से जुड़ेंगी यह जानकारियां
ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (Apaar) स्टूटेंड का नाम, पता, बर्थ डेट, फोटो, एजुकेशन लोन, स्कॉलरशिप, स्पोर्ट्स एक्टिविटी, अवार्ड आदि जानकारियां कार्ड से जुड़ेंगी। अगर स्कूल बदल जाएगा तो अपार कार्ड नंबर वही रहेगा। डाटा पूरी तरह गोपनीय रहेगा। इससे एक फायदा यह होगा कि 18 साल का होने पर स्टूडेंट का नाम खुद मतदाता पहचान पत्र के लिए रजिस्टर हो जाएगा। स्टूडेंट्स को क्रेडिट स्कोर मिलेगा, जिसका फायदा हायर एजुकेशन के लिए और नौकरी के लिए अप्लाई करते समय मिलेगा। वहीं सबसे जरूरी बात कि अपार कार्ड, आधार कार्ड से भी लिंक होगा।
कैसे बनवाएं अपार और क्या फायदे होंगे?
अपार कार्ड स्कूल और कॉलेज में बनेंगे। इसे बनवाने के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी। इसका डाटा शिक्षण विभागों और संस्थानों से शेयर होगा। इससे जुड़े रिकॉर्ड डिजिलॉकर में उपलब्ध होंगे। नौकरी पाने के लिए भी अपार नंबर सीधा इस्तेमाल कर सकेंगे। नौकरी पाने के बाद स्किलिंग, री-स्किलिंग या अपस्किलिंग में भी इसका इस्तेमाल होगा। ट्रेनों और बसों के सफर के दौरान इस कार्ड को दिखाकर स्टूडेंट्स को किराये में छूट भी मिलेगी। ट्रेनों और बस कंसेशन में अपार नंबर का इस्तेमाल हो सकेगा। कोर्स क्रेडिट ट्रांसफर करना आसान होगा। अपार में एड सर्टिफिकेट वेरिफाइड होंगे।