देहरादून के जिलाधिकारी बीते कुछ महीनों में सामाजिक , संवेदनशील मुद्दों को लेकर बेहद सक्रिय और सफल नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा देहरादून जैसे बेहद अहम और व्यस्त राजधानी की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद डॉ आर राजेश कुमार ने भी अपने अनुभव और प्रशासनिक क्षमता का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। लंबे समय से देहरादून में अवैध अतिक्रमण , अवैध खनन और सिंगल यूज प्लास्टिक पर अभियान चलाकर कामयाबी हासिल करने वाले डीएम डॉक्टर आर राजेश कुमार अब बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम को खत्म करने का बीड़ा उठा चुके हैं। देहरादून के ज्यादातर प्रमुख चौराहों पर बाल भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों और अपराधिक प्रवृत्ति के गिरोहों की भीड़ पर अब जिला प्रशासन की सख्ती नजर आने लगी है।
यही वजह है कि अब सभी संबंधित विभागों ने मिलकर भिक्षावृत्ति और बाल श्रम को रोकने का अभियान छेड़ दिया है, जिसका नेतृत्व कुशल और अनुभवी आईएएस डॉ आर .राजेश कुमार कर रहे हैं।
जिलाधिकारी द्वारा जनपद में भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम रोकने हेतु नियमित छापेमारी किये जाने तथा इस कार्य में संलिप्त लोगों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी के निर्देशों का ही असर है कि डोईवाला, भानियावाला व जौलीग्रांट चैक में भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान चलाया गया जिसमें कुल 11 बालक बालिकाओं को टीम द्वारा रेस्क्यू कर जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस अभियान में जिला प्रोबेशन कार्यालय से संपूर्ण भट्ट रश्मि बिष्ट प्रवीण चैहान, समर्पण संस्था से मानसी मिश्रा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व मैक संस्था से शमीना, चाइल्ड लाइन से जसवीर रावत, बचपन बचाओ आंदोलन से सुरेश उनियाल, रेलवे चाइल्ड लाइन से सविता, आसरा ट्रस्ट से सुरेश, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट से धर्मेंद्र, व रचना, डोईवाला थाने से शशिकांत, हंसराज आदि मौजूद रहे ।
जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार ने बताया कि जनपद में भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम रोकने हेतु नियमित छापेमारी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है, तथा इसमें संलिप्त लोगों पर निर्धारित प्राविधानों के अनुरूप सख्त कार्यवाही की जाएगी। साथ ही जो बालक/बालिकाएं भिक्षावृत्ति करते पाए गए है उनके परिजनों से सम्पर्क करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे उनको उनके परिजनों के सुपुर्द्ध करते हुए मूल राज्य को भेजा जाएगा।