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सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए दिल्ली सरकार ने कहा कि इन संयंत्रों से फैलने वाले प्रदूषण का असर दिल्ली के वातावरण पर पड़ रहा है. वहीं, इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि उसके सामने पहले से ही प्रदूषण से जुड़े मामले लंबित हैं. इसलिए दिल्ली सरकार को इस संबंध में अलग से याचिका दाखिल करने की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा केंद्र सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने की कोई जरूरत नहीं है. दिल्ली सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार से भी सहयोग की अपील की थी. आपको बता दे कि याचिका में जिन थर्मल पावर प्लांट्स को बंद करने की मांग की गई है, उनमें पंजाब और हरियाणा के चार-चार जबकि उत्तर प्रदेश के दो शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने दी ये दलीलें
दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आने लगे. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले महीने दावा किया था कि दिल्ली में प्रदूषण काफी घटा है, लेकिन इसमें और कमी की दरकार है.
उन्होंने कहा कि तीन पड़ोसी राज्यों में पुरानी तकनीक से चल रहे थर्मल पावर प्लांट्स को बंद कर देने पर दिल्ली का प्रदूषण स्तर सुधारने में मदद मिलेगी.
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